स्व अनुशासित बनें!
ईमानदार बनें!
बडे -बुजुर्गो का सम्मान करें!
सनातनी शाश्वत जीवन मूल्यों को अपने जीवन में अपनाएं!
फिर देखिए, जगत गुरु आदिशंकराचार्य की तरह आप भी
प्रातःवंदनीय, स्मरणीय, दर्शनीय और अनुकरणीय विदेह पुरुष बन जाएंगे.
आपका आजका दिन जनहितकारी हो!
जय मां ब्रह्मचारिणी!
