क्या लेकर आये हैं? क्या लेकर जाएंगे?-अशोक पाण्डेय
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इस मृत्युलोक का सबसे बड़ा शाश्वत सत्य यही है कि मनुष्य खाली हाथ आता है और खाली हाथ ही चला जाता है। अपने आपको विश्वविजयी कहने वाला सिकंदर भी खाली हाथ ही गया। यह आपकी व्यक्तिगत जिंदगी एक रंगमंच है। आप अभिनय अच्छा करें! हो सके तो जीवन में कुछ अच्छे कर्म करें। जैसे: पूजा -पाठ, दान-पुण्य और यज्ञ आदि। आपका पुण्य फल ही आपके साथ जाएगा। जैसे विदेह राजा जनक। होश में आने का समय आज है, अभी है। दूसरों से ईर्ष्या करना छोड़कर, दूसरों की आलोचना करना छोड़कर अपने जीवन के लक्ष्य की ओर बढ़े!
-अशोक पाण्डेय









