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अन्यतम धाम पुरी महात्म्य को प्रशासन समझे -जगतगुरु शंकराचार्य

भुवनेश्वर: 4 अगस्त :अशोक पाण्डेय:

श्रीजगन्नाथ पुरी एक भगवद् धाम है और पुरूषोत्तम महोदधि तीर्थ क्षेत्र है । राज्य सरकार द्वारा तपोभूमि पुरी के महोदधि तट पर पाँच स्थानों पर शराब बेचकर तीर्थ भूमि को पर्यटन विकास के नाम पर सुरा और सुन्दरी का केन्द्र बनाने के प्रपञ्च का जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी ने कड़ी प्रतिक्रिया एवं विरोध करते हुए राज्य प्रशासन को चेतावनी दी है कि इस निर्णय को तुरन्त निरस्त किया जाए अन्यथा अगर बलपूर्वक तपोभूमि में शराब का व्यापार करने का निर्णय क्रियान्वयित किया तो सरकार का अस्तित्व ख़तरे में आ सकता है । पुपीपीठाधीश्वर श्रीमद्जगद्गुरू शंकराचार्य जी के निर्देशानुसार राज्य प्रशासन ने पुरी महोदधि तट पर शराब बेचने के अपने निर्णय को निरस्त कर दिया है । राज्य सरकार द्वारा सभी के हित में लिए गये निर्णय का स्वागत सभी सनातनी तुमने किया। पूज्यपाद पुरीपीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्यजी के ह्रदय में महोदधि और महोदधि तट को सुरक्षित रखने की दिव्भावना से नित्य सायङ्काल स्वर्गद्वार- पुरीमें महोदधिआरती का पौषशुक्लपूर्णिमा , विक्रमसम्वत् २०६३ तदानुसार ३ जनवरी २००७के दिन आदित्यवाहिनी , आनन्दवाहिनी , तथा पीठपरिषद्के अमोघ अभियानसे तथा सामाजिक और राजनैतिक संगठनोंके पूर्ण सौजन्यसे सांय ६.३०पर उड़ीसा विधानसभा के अध्यक्ष श्रीमहेश्वरमहन्ती , ( उड़ीसा तथा राजस्थानके श्रीलक्ष्मणानन्दसरस्वतीदजी आदि प्रमुख सन्तों , तथा नगरपालिका पुरीके अध्यक्ष श्रीगौरहरि एवं पुरी-नरेश श्रीगजपति दिव्यसिंहदेवजीके मङ्गलमय सान्निध्यमें हज़ारों दर्शकोंकी विद्यमानतामें शुभारम्भ हुआ था । तबसे लेकर आजतक यह आरती कार्यक्रम संतत् एवं निर्बाध गति-रीति से प्रतिदिन सांय चल रहा है । इस कार्य के सम्पादन के लिए प्रतिवर्ष लांखों रूपये Govardhan math खर्च करती है ।

विश्वास है कि परस्पर सामञ्जस्य का यह वातावरण भविष्य में भी बना रहेगा ।

अशोक पाण्डेय

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