-अशोक पाण्डेय
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सबसे व्यावहारिक बात, विचार और संदेश यह है कि हमसभी अपने -अपने माता-पिता को ही अपने सफल जीवन का भगवान जगन्नाथ मानें!उनकी सेवा, भक्ति और उनके अनुशासन की सीख को अक्षरशः अपनाएं! मेरा यह मानना है कि सभी श्रवण कुमार नहीं हो सकते हैं फिर भी सभी अपने माता-पिता का दूसरों के समक्ष सम्मान तो कर ही सकते हैं। देवों के देव भगवान गणेश ने अपने माता -पिता की प्रदक्षिणा कर यह सिद्ध कर दिया कि माता -पिता से बड़ा कोई नहीं है।
-अशोक पाण्डेय