
भुवनेश्वर, 14 सितंबर 2025: राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर, संजीवन स्वास्थ्य केंद्र, आईआईटी भुवनेश्वर ने कलिंगा अस्पताल के सहयोग से आज आईआईटी भुवनेश्वर के सामुदायिक केंद्र में चीनी, नमक और तेल का सेवन कम करना विषय पर एक जागरूकता वार्ता का आयोजन किया। इस सत्र का संचालन कलिंगा अस्पताल, भुवनेश्वर की क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अंजना त्रिपाठी ने किया और साथ ही स्वास्थ्यवर्धक भोजन विकल्पों को प्रोत्साहित करने के लिए रागि के खाद्य पदार्थों का नमूना लिया गया और उनकी बिक्री भी की गई। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, डॉ. त्रिपाठी ने ज़ोर देकर कहा कि ज़्यादा चीनी, नमक और वसा मोटापे, मधुमेह और हृदय रोगों के खामोश ज़िम्मेदारहैं। उन्होंने फलों से बने पानी का सेवन, खाना बनाते समय नमक का इस्तेमाल कम करना और तेल का इस्तेमाल कम करने जैसे छोटे-छोटे बदलाव अपनाने का आग्रह किया। निवारक पोषण की भूमिका पर ज़ोर देते हुए, उन्होंने कहा, भोजन ही औषधि है – साबुत अनाज, फल, सब्ज़ियाँ और स्वास्थ्यवर्धक वसा का सेवन करके, हम अपने संपूर्ण स्वास्थ्य और लीवर की कार्यप्रणाली की रक्षा कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में पोषण से जुड़ी प्रचलित भ्रांतियों को दूर करने पर भी ज़ोर दिया गया और इस बात पर ज़ोर दिया गया कि भोजन छोड़ना या सभी प्रकार की वसा से परहेज़ करना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। इसके बजाय, सचेत भोजन, संतुलित आहार और उच्च वसा, नमक और चीनी वाले खाद्य पदार्थों का संयमित सेवन दीर्घकालिक स्वास्थ्य की कुंजी है। कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, रागि पर आधारित खाद्य पदार्थों का प्रदर्शन, नमूनाकरण और बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया, जिससे एक स्थायी और पौष्टिक आहार विकल्प के रूप में उनके महत्व पर ज़ोर दिया गया। इस पहल ने “सभी के लिए पोषण – एक स्वस्थ भारत की ओर एक साथ” के संदेश को और मज़बूत किया। आईआईटी भुवनेश्वर के रेजिडेंट्स क्लब की सलाहकार श्रीमती श्रुति कर्मालकर ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर डॉ. सीमा बहिनीपति, प्रभारी प्रोफेसर (स्वास्थ्य सेवा), डॉ. सिवैया बथुला, एनएसएस समन्वयक और डॉ. मंसूर अहमद खान, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी
उपस्थित थे।









