भुवनेश्वरः16अगस्तःअशोक पाण्डेयः
15अगस्त की शाम उत्कल-अनुज हिन्दी पुस्ताकलय,29,सत्यनगर,भुवनेश्वर के लिए एक यादगार शाम रही।आजादी के अमृत महोत्सव पर पुस्तकालय के सचिव तथा जानेमाने हास्य कवि किशन खण्डेलवाल की नवीनतम राष्ट्रभक्ति कविता तिरंगाआयोजित देशभक्ति कविता-पाठ के अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि संजय लाठ,अध्यक्ष,मारवाडी सोसायटी,भुवनेश्वर द्वारा लोकार्पित हुई।अवसर पर डा शंकरलाल पुरोहित,संतोष देवी,प्रेमचंद अग्रवाल,प्रकाश बेताला,सजन सुरेका,शिवकुमार शर्मा,हेमंत तिवारी,शेषनाथ राय,कमल चौधरी,मनोज बाजोडिया,मुन्नी अग्रवाल और विनोद कुमार आदि उपस्थित थे।मुख्य अतिथि संजय लाठ ने पुस्तकालय के मुख्य संरक्षक सुभाष भुरा तथा श्रीमती अंजना भुरा के साहित्यसेवा की तारीफ करते हुए उत्कल अनुज हिन्दी पुस्तकालय भुवनेश्वर को एक ऐसा केन्द्र बताया जहां पर समय-समय पर कवितापाठ तथा साहित्यिक चर्चा-परिचर्चा समय-समय पर होती रहती है। नामक मेधावी छात्रा को मेडिकल कोचिंग के लिए कोचिंग की पूरी फीस देने की घोषणा श्रीमती अंजना भुरा ने की।साथ में अन्य मेधावी कलाकारों को भी सम्मानित किया गया। किशऩ खण्डेलवाल की कविता -मेरे मन में तिरंगा है, मेरे घर पे तिरंगा है।मेरे देश में यमुना है मेरे देश में गंगा है।।वो कुर्बानी करता वो धर्म साथ रखता विकास करे सबका मेरी जान तिरंगा है।वो करे बात सबकी राम रहीम रब की,वो फर फर फर्राये ईमान तिरंगा है।झुकना नहीं जाने वो रुकना नहीं जाने,चक्र सुदर्शन है गतिमान तिरंगा है।नहीं जात पात जाने ना छोटा बड़ा माने,वो सबका अपना है संविधान तिरंगा है।–का सस्वर गायन किया गया जिसमें संगत दिये सजन लढानिया। स्वरिचत देशभक्ति कवितापाठ प्रस्तुत किये-मुरारीलाल लढानिया,अर्चना तिवारी,शशि मिमाणी,विक्रमादित्य सिंह,रश्मि गुप्ता,अंजना भुरा,रुनु रथ,अमिता सिंह,जया बिंदल,डा सुनीता,रीया राय,पीहु और दीहु आदि।आयोजन की प्रारंभिक जानकारी अशोक पाण्डेय ने दी। श्रोताओं में श्रीराम,टींकू पाण्डेय,तेजपाल सिंह,चिरंजी शर्मा तथा अनेक देशभक्ति कविताप्रेमी श्रोतागण।
अशोक पाण्डेय
आजादी के अमृत महोत्सव पर किशन खण्डेलवाल की देशभक्ति कविता तिरंगा लोकार्पित
