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“आज का चिंतन” ‘अर्पण करने की आदत डालिए।’

-अशोक पाण्डेय

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अर्पण का सीधा संबंध माया के परित्याग से है।और माया का सीधा संबंध अहंकार से है। धन,जन, ऐश्वर्य,मान -मर्यादा और यौवन आदि की अतिशयता ही अहंकार को जन्म देती है। राजा जनक जी कहते हैं कि सीता को अर्पण करने से पूर्व उनका भगवान शिव के धनुष के अहंकार का टूटना आवश्यक था।
धनुष के टूटते ही उनकी ममता भी समाप्त हो गई।आपका अर्पण क्या होना चाहिए अब आप स्वयं विचार करें!
-अशोक पाण्डेय

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