-पापा
24सितंबर है आज।मेरे छोटे बेटे आनंद का हैप्पी बर्थडे।मुझे लगता है कि आनंद 24सितंबर,1986 को नहीं अपितु आज ही जन्मा है क्योंकि उसकी जिम्मेदारियां उससे कहती हैं कि बोलना उसे भी आता है लेकिन बोलता बिलकुल नहीं है।गौरतलब है कि इस संसार में किसी की जुबान बोलती है,तो किसी की नियत,किसी का समय बोलता है तो किसी का पैसा,किसी का दबदबा बोलता है तो किसी का कर्म। मुझे लगता है कि मेरे आनंद का सिर्फ और सिर्फ कर्म ही बोलता है।आनंद के सफल जीवन की एकमात्र प्रेरणा उसकी बीवी ज्योति,उसकी बडी बिटिया कश्वी तथा उसकी मात्र एक महीने,कुछ दिन की छोटी नवजात बिटिया रुमी की जिम्मेदारी ही उसके लिए बहुत बडी जिम्मेदारी है।उन्हीं के लिए आनंद दिन-रात खटता है। जो भी समय मिलता है उसको वह अपने परिवार को सदा खुश रखने में व्यतीत करता है। सुख-दुख दोनों ही परिस्थितियों में आनंद के चेहरे पर मैंने सदा मुसकराहट ही देखी है। मैं ऐसा मानता हूं कि मैंने केन्द्रीय विद्यालय के एक साधारण हिन्दी शिक्षक होने के नाते अपनी जिम्मेदारी सीमित भौतिक संसाधनों में ही निभाई जिसके परिणामस्वरुप मैंने अपने दोनों बेटों, बडे बेटे अनूप को तथा छोटे बेटे आनंद को उच्च शिक्षा भरपूर नहीं दे पाया फिर भी एक अनन्य जगन्नाथ भक्त होने के चलते आज के दिन आनंद और उसके परिवार के लिए जगन्नाथ जी से मेरी एक ही प्रार्थना है कि वे मेरे आनंद को सपरिवार खुशहाल रखें। आनंद को सपरिवार सुख,शांति और समृद्धि प्रदान करें। आनंद सपरिवार यशस्वी तथा तेजस्वी हो।
पापा
अशोक पाण्डेय
24सितंबर,2023