आपकी सोच सकारात्मक है जिसके चलते आपका आचार- विचार- व्यवहार और आचरण समाज के सभी वर्गों के लिए अनुकरणीय बन चुका है।
आपके बचपन की घोर गरीबी ने आपको अनुशासित, सहनशील, धैर्यवान, संघर्षशील, परिश्रमी और आत्मनिर्भर बना दिया है।
आपकी आज जय-जयकार हो!
-अशोक पाण्डेय









