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आपके व्यक्तित्व में तीन ऋषियों : ब्रह्मर्षि, महर्षि और देवर्षि के गुण विद्यमान हैं जबकि ऋषिगण सात प्रकार के होते हैं।

आपके व्यक्तित्व में तीन ऋषियों : ब्रह्मर्षि, महर्षि और देवर्षि के गुण विद्यमान हैं जबकि ऋषिगण सात प्रकार के होते हैं।
आपको यह भी स्पष्ट कर दूं कि ऋषियों ने ही वेद मंत्रों के प्रथम दर्शन किए थे।

पंचुक के चौथे दिवस पर श्री नारायण जी से आपके लिए मेरी एक ही प्रार्थना है कि वे आपके आजके दिन के प्रति पल के लिए आपको तपस्वी राजा श्रीराम की तरह ही बनाएं!
-अशोक पाण्डेय

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