कीट सबसे कम उम्र का प्रतिनिधि भेजने वाला दुनिया की पहली संस्था बनी
भुवनेश्वर, 14जुलाई: इंग्लैंड की राष्ट्रीय खगोलीय बैठक में सभी की निगाहें एक किशोर पर टिकी रहीं क्योंकि उस बैठक में बाकि लोग लगभग अनुभवी और उम्रदराज़ थे। उस मौके पर एक छात्र ने अपना परिचय दिया, “मैं स्नेहदीप हूं, कीट डीम्ड विश्वविद्यालय का छात्र।” पूरा सम्मेलन कक्ष तालियों से गूंज उठा। 3 से 7 जुलाई तक इंग्लैंड के कार्डिफ़ विश्वविद्यालय में रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. माइक एडमंड्स और अन्य वैज्ञानिकों को स्नेह दीप ने चौंका दिया। स्नेहदीप बैठक में भाग लेनेवाला प्रथम युवा वैज्ञानिक सिद्ध हुआ। पिछले सप्ताह, कीट के छात्र स्नेहदीप ने इंग्लैंड में प्रतिष्ठित खगोल विज्ञान बैठक में भाग लेने वाले भारत के एकमात्र युवा वैज्ञानिक के रूप में भारत की प्रतिष्ठा में चार चांद लगा दिया। इतना ही नहीं, कीट को इंग्लिश नेशनल एस्ट्रोनॉमी मीटिंग में युवा प्रतिनिधि भेजने वाला दुनिया का एकमात्र संस्थान होने का गौरव भी बढ़ा दिया । कीट यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व कर रहे स्नेहदीप ने बैठक में ‘शाह की थ्योरी ऑफ थर्मल आयोनाइजेशन इन स्टार फॉर्मेशन’ पर एक पोस्टर प्रस्तुत किया जबकि इस सम्मेलन के लिए दुनिया भर से 176 शोध पोस्टरों का चयन किया गया थि, सच तो यह भी है कि कीट सम्मेलन में पोस्टर प्रस्तुत करने वाला एकमात्र भारतीय विश्वविद्यालय रहा। विशेष रूप से, ऐसे अवसर आमतौर पर पोस्ट-डॉक्टरल शोधकर्ताओं और वैज्ञानिक पेशेवरों के लिए उपलब्ध होते हैं। इंग्लैंड की राष्ट्रीय खगोलीय बैठक रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी का वार्षिक वैज्ञानिक सम्मेलन है। यह दुनिया के सबसे बड़े खगोल विज्ञान सम्मेलनों में से एक है। इस आयोजन में हर साल दुनिया भर से लगभग 600 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होते हैं। बैठक में स्नेहदीप को डाॅ. एडमंड्स के अलावा, नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. जेम्स पीबल्स और डॉ. उन्हें जॉन पीकॉक जैसे विश्व के कई प्रसिद्ध खगोलशास्त्रियों से चर्चा करने का अवसर मिला। स्नेहदीप ने ऐसा अवसर प्रदान करने के लिए कीट यूनिवर्सिटी और इसके संस्थापक अच्युत सामंथा को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, कीट विश्वविद्यालय के समर्थन और प्रो अच्युत सामंत के प्रोत्साहन के बिना, मेरा सपना सच नहीं हो सकता था। वहीं प्रो अच्युत सामंत ने स्नेहदीप को बधाई देते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना की। इससे पहले, स्नेहदीप ने कई अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान सम्मेलनों जैसे बाकू, अज़रबैजान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान कांग्रेस 2023 में भाग लिया है।