जैन तेरापथं आचार्य श्री महाश्रमण जी के नाम से उत्कल युनिवर्सिटी आफ कल्चर की जैन चैयर के अन्तर्गत व्याख्यान माला का शुभारंभ वहां के ओडिटोरियम में हुआ। मुख्य अतिथि श्री ब्योमकेस त्रिपाठी वायस चांसलर तथा मुख्य वक्ता श्री संजय जी धारिवाल बेंगलुरु CA डॉ सुचित्रा की गरिमामय उपस्थिति थी। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा भुवनेश्वर के अध्यक्ष श्री बच्छराज बेताला ने स्वागत व्यक्तव्य रखा तथा मुख्य वक्ता श्री संजय धारिवाल का परिचय दिया तथा तेरापथं धर्म संघ के एकादशम आचार्य श्री महाश्रमण के बारे बताया एवं विषय प्रवेश किया। मुख्य वक्ता श्री धारिवाल ने जैनिजम के तीन मुख्य सिध्दांत अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकान्त पर विस्तार से प्रवचन माला में युनिवर्सिटी के विद्यार्थीयों तथा उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को बताया। कुछ विधार्थी ने अपनी जिज्ञासा रखी। सभी ने इस प्रवचन माला की सराहना की। वाइस चांसलर श्री ब्योमकेस त्रिपाठी ने कहा कि इस प्रकार की प्रवचन माला अगर मासिक रखी जाये तो जैन धर्म के बारे में गहरी जानकारी हो सकती है। आज सम्पूर्ण विश्व में हिंसा का महोल है ऎसे में जैन धर्म का मुल सिद्धांत अहिंसा को अपनाने की आवश्यकता है। प्रवचन माला का शुभारंभ वाद्ययंत्रों के साथ नमस्कार महामंत्र से हुआ। जैन भजन को उडिया भाषा में सुप्रसिद्ध गायक द्वारा प्रस्तुत किया गया। उपरोक्त गरिमामय आयोजन से जैन तेरापथं धर्म संघ की प्रभावना हुई। सभा में तेरापथं समाज के बहनों तथा भाईयों की उपस्थिति रही। धन्यवाद ज्ञापन के प्रवचन माला समाप्ति की घोषणा की गई।
उत्कल युनिवर्सिटी आफ कल्चर में जैन चैयर के अन्तर्गत जैनिजम पर आचार्य श्री महाश्रमण प्रवचन माला
