“उधार का प्रकाश” कवि किशन खडेलवाल के काव्य संकलन का विमोचन, श्री अतुल प्रकाश, महालेखाकार- 2, ओड़िशा द्वारा अन्य मन्चासीन अतिथयों श्री सुभाष भूरा, एमडी उत्कल बिल्डर्स, श्री जगदीश मिश्र, उद्योगपति, साहित्यकार श्री राम किशोर शर्मा, श्री अशोक पांडे कवि किशन खडेलवाल की गरिमा मय उपस्थित में किया गया। उत्कल अनुज वाचनालय में आयोजित भव्य विमोचन समारोह में विभिन्न समाज के समाज बंधु, कवि,साहित्यकार,पत्रकार और समीक्षक उपस्थित थे l सर्वप्रथम श्री किशन खंडेलवाल ने मंचाशीन श्री अतुल प्रकाश, श्री सुभाष भूरा, श्री जगदीश मिश्र, श्री अशोक पांडे, श्री राम किशोर शर्मा को पुष्प और अंगवस्त्र देकर सम्मान किया। कवि किशन खण्डेलवाल को कई संस्थाओं, साहित्यकारों और कवियों की तरफ से अंग वस्त्र प्रदान कर स्वागत एवम आशीर्वाद दिया गया। श्री अतुल प्रकाश महलेखाकार ने पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कवि किशन खडेलवाल के काव्य संकलन की कविताएँ बहुत सहज, सरल, आम पाठकों की भाषा में लिखी हैं, कई गम्भीर विषय को इंगित करती हैं। कम शब्दों में सांकेतिक रूप से अधिक कहने की रचना धर्मीता की विशेषता को निभाती हैं। राम किशोर शर्मा ने उधार का प्रकाश की समीक्षा में कहा कि 109 पृष्ठ में किशन खडेलवाल की 55 कविता बहुत सहज सरल आम पाठकों की भाषा में लिखी गई कविता हैं।शब्द शिल्प अनूठा है, विविध रस अलंकार लोकोक्तियों से अलंकृति कविताएँ पाठकों को हँसायेंगी गुदगुदायेंगी श्री सुभाष भूरा ने सभी का स्वागत किया। श्री अशोक पांडे जी ने किशन खंडेलवाल के कृतित्व और व्यक्तित्व के बारे में श्री जगन्नाथ जी की पवित्र धरा पर विवेचना की और आशीर्वाद दिया। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में काव्य संकलन की सराहना की और भविष्य में हिंदी साहित्य को प्रोत्साहन देने की बात कही। श्री राम किशोर शर्मा ने मुख्य अतिथि का परिचय करवाया और उधर के प्रकाश की समीक्षा बड़े ही सहज और सरल तरीके से की। इस मौके पर किशन खंडेलवाल के काव्य संग्रह से विभिन्न रचनाओं का पठन-पाठन किया गया। श्री राजेश तिवारी दूरदर्शन ने “औकात” कविता का, श्री रविंद्र दुबे ने “पुलवामा हमला”, श्री आशीष विद्यार्थी ने “जीवन का समाधान राम” पर अपनी बात रखी। कवियत्री रूनू रथ ने “रूठा रूठी” कविता का पाठ किया। विख्यात शायर नियाजउद्दीन ने “कमीज पर बाल” कविता का बहुत ही सुंदर चित्रण किया। श्री मनीष पांडे श्रीमती रितुमहिपाल के द्वारा कवि के सभी प्रकाशित काव्य संकलनों पर अपने विचार रखे गए। श्री गोपाल कृष्ण ने भी काव्य संकलन को सराहा और आशीष दी। श्री जगदीश मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कवियों का सानिध्य पाना अपने आप की उपलब्धि बताया। अतिथियों के अलावा कई कवि और साहित्यकार इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। उनमें मुख्य रूप से मंजुला अस्थाना महांति ,वीणापाणि मिश्र, खुशी पांडे, गजानन शर्मा, कमल चौधरी, राजू बगड़िया, नारायण मावतवाल, विनोद कुमार, अविनाश दास, अरुण शर्मा, रश्मि गुप्ता, सीमा अग्रवाल, अनूप अग्रवाल, स्मिता कानूनगो, केशव कोठारी, मुरारी लाल खंडेलवाल, मुरारीलाल लडानिया, आनंद पुरोहित, सुधीर कुमार सुमन, हेमंत तिवारी, शेषनाथ राय, अंजना भूरा, संजय शर्मा, हरिराम पंसारी, संकल्प दुबे, अमित रंजन, अमित रंजन, भारती परीडा, अलका शर्मा, अशोक शर्मा, पुरुषोत्तम पांडे, तेजपाल शर्मा और ममता दास मुख्य थे। अंत में श्री शिवकुमार शर्मा ने अपने चिर परिचित अंदाज में सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया और भविष्य में हिंदी साहित्य पर कवियों से और अधिक लिखते रहने का आह्वान किया।
“उधार का प्रकाश” काव्य संकलन का विमोचन।
