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“उनकी इच्छा मानकर चल।”-गुरुनानक देव जी.

विश्लेषण: अशोक पाण्डेय.
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खालसा धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के विचारों और उनके जीवनोपयोगी संदेशों को प्रतिदिन पढ़ना चाहिए और उन संदेशों को जन- जन तक पहुंचाना भी चाहिए क्योंकि गुरु नानक देव जी सर्वधर्म समन्वय के संदेशवाहक थे और आज भी वे अपने अमर विचारों के लिए याद किए जाते हैं। उनका यह संदेश कि ईश्वर जैसा चाहते हैं वैसा ही होता है। इस सृष्टि में जो कुछ भी होता है, उनकी इच्छा से होता है। गुरु नानक देव जी एक बात शाश्वत सत्य है कि जो कोई जिस वक्त अपने आप को परमपिता से भी महान् मान लेता है उसी वक्त उसका अंत हो जाता है। जगतपति तो राजाओं के राजा हैं। उनकी आज्ञा और इच्छाओं के अधीन जीना ही सच्चा जीवन जीना है। गुरु नानक देव जी कहते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का कोई न कोई निश्चित प्रारब्ध होता है। उसे भोगना ही पड़ता है। वे गुरुओं के गुरु और परमपिता परमेश्वर भी हैं इसलिए उनकी इच्छा मानकर हमें अपना जीवन सकारात्मक सोच और आध्यात्मिक चेतना से जुड़े गुरु नानक देव जी के पावन संदेशों के साथ जीना चाहिए। वे कहते हैं कि जो ‘सत्नाम’ का सहारा लेते हैं सिर्फ वे ही शांतिमय और आनंदमय जीवन जी सकते हैं। मान्यवर, आप भी गुरु की वाणी को शाश्वत सत्य मानकर जीना सीखें!
-अशोक पाण्डेय

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