एक परिवार को आनंदमय तरीके से चलाने के लिए पांच शीलों : संस्कार, सहकारिता,आपसी सहमति, प्रगतिशीलता और एक -दूसरे पर विश्वास की आवश्यकता होती है । इसीलिए परिवार को शाश्वत शीलों की प्राथमिक पाठशाला माना गया है।
-अशोक पाण्डेय

एक परिवार को आनंदमय तरीके से चलाने के लिए पांच शीलों : संस्कार, सहकारिता,आपसी सहमति, प्रगतिशीलता और एक -दूसरे पर विश्वास की आवश्यकता होती है । इसीलिए परिवार को शाश्वत शीलों की प्राथमिक पाठशाला माना गया है।
-अशोक पाण्डेय