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कटक मारवाडी समाज गौरव आलेख सबका साथः सबका विकास रखनेवाले डा.विजय खण्डेलवाल के जन्मदिन पर विशेषः

प्रस्तुतिः अशोक पाण्डेय
12सितंबर,1960 को मथुरा,उत्तरप्रदेश के एक सम्भ्रांत परिवार में जन्मे डा. विजय खण्डेलवाल एक सुयोग्य पिता स्व.इन्दरसन गुप्ता की एक सुयोग्य संतान हैं। उनका यह मानना है कि कटक मारवाडी समाज में हमेशा एकजुटता चाहिए। बदलते समय के अनुसार अपने विचारों में बदलाव ही आज के समय का तकाजा है। 1980 से कटक में स्थाई रुप से रहनेवाले तथा भुवनेश्वर में स्टील तथा लौह अयस्क ट्रेडिंग का व्यापार करनेवाले डा.विजय खण्डेलवाल हिन्दूत्व के समर्थक हैं जो यह मानते हैं कि जो भविष्यवाणी पुरी के शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी निश्चलानन्दजी सरस्वती महाभाग ने हाल ही में की है कि आगामी साढे तीन सालों में भारत हिन्दू राष्ट्र बन जायेगा,उस बात से डा.विजय खण्डेलवाल भी सहमत हैं लेकिन यह उतना आसान बिलकुल नहीं है। 2015 से लगातार दो अवधि तक कटक मारवाडी समाज के अध्यक्ष रहे डा. विजय खण्डेलवाल का मानना है कि हमें जीवन में आगें बढने के लिए भारतीयता को अपनाने की आवश्यकता है। अपने संस्कार,अपनी भारतीय संस्कृति को बचाने की आवश्यकता है।युवाशक्ति,मातृशक्ति को सही दिशा दिखानी होगी। समाजसेवा के लिए समय देना पडेगा। एक-दूसरे का विश्वास जीतना होगा। जब डा. विजय खण्डेलवाल से यह पूछा गया कि उनकी तो तीन-तीन बेटियां हैं,कोई बेटा नहीं हैं। ऐसे में क्या वे खुश हैं ? तो डा. विजय खण्डेलवाल ने बताया कि वे पूरे अन्तःकरण से खुश हैं । क्योंकि आज के पुरुष प्रधान समाज में जितना विश्वास अपनी बेटियों पर एक बाप को होता है उतना अपने बेटों पर नहीं। उनके अनुसार जिनके सिर्फ बेटे हैं वे लोग तो अब कहने लगे हैं कि भगवान ने उनको बेटी क्यों नहीं दिया। बेटी आज तो एनडीए में जाने लगीं हैं। डा.विजय खण्डेलवाल के अनुसार बेटा-बेटी में आज कोई अन्तर नहीं है। डा. विजय खण्डेलवाल का कहना है कि मनुष्य विभिन्न प्रकार के विचारों के साथ जीता है जिससे उसका संस्कार बनता है और वे ही संस्कार व्यक्ति को कर्मशील बनाते हैं। हमसब को सदा सकारात्मक सोच के साथ काम करना चाहिए। लोगों का विश्वास जीतना चाहिए। अपनी इच्छाशक्ति को ताकतवर बनाना चाहिए।आज मेरा जन्मदिन है इसलिए मैं जिस प्रकार अपने बडे-बुजुर्गों का सम्मान करता हूं। सभी अपने बडे-बुजुर्गों का सम्मान करें।–यहीं मेरी ओर से आज के दिन संदेश है। डा विजय के अनुसार जीवन में चंहुमुखी विजय प्राप्त करने के लिए अपनी मां का सम्मान करना बहुत जरुरी है। भारत और इण्डिया दोनों को साथ लेकर चलना होगा। सबका साथःसबका विकास,सबका सहयोगः सबकी भागीदारी को अपनाना होगा।पुरुषार्थी तथा निःस्वार्थ समाजसेवी डा विजय खण्डेलवाल ने अपने जन्मदिन पर यह संकेत दिया कि वे बहुत जल्द ही भारतीय राजनीति में अपने कदम बढानेवाले हैं। डा विजय खण्डेलवाल के जन्मदिन पर उनके हितैषियों की ओर से बहुत-बहुत बधाई।
अशोक पाण्डेय

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