भुवनेश्वरः23जुलाईःअशोक पाण्डेयः
स्थानीय तेरापंथ भवन में चल रही रामकथा के पांचवें दिन आयोजित रामकथा व्यास गिरिधर गोपाल शास्त्री ने राम के तीन भक्त-मित्र बताये।रामकेवट-संवाद सभी को अच्छा लगा।मौके पर आमंत्रित विशिष्ट मेहमान भुवनेश्वर की मान्यवर सांसद अपराजिता षाडंगी ने भी कथा में शामिल होकर व्यास जी का आशीर्वाद लिया और इसप्रकार के आध्यात्मिक आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त कीं।आज अपराह्न तीन बजे से लेकर शाम लगभग 8 बजे तक चली कथा में रविवार छुट्टी का दिन होने के कारण श्रोताओं की संख्या अधिक थी जिन्हें कथा व्यास जी ने कथाक्रम मेंभक्त-मित्र की परिभाषा बताया कि भक्त-मित्र वह होता है जिनके अच्छे विचार एक-दूसरे को पसंद आते हैं। उनके अनुसार रामचरितमानस में राम के तीन मित्रों में से एक निष्दराज,दूसरे सुग्रीव तथा तीसरे विभीषण थे। उन्होंने तीनों भक्त-मित्रों की विशेषताओं को भी स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि जब राम के वनगमान का समय आया तो वे सबसे पहले अपने पिताश्री दशरथ जी से अपनी तीनों माताओं से आशीर्वाद लिए और अपने साथ अनुज लक्ष्मण और भार्या सीता को संग लेकर जंगल गये। महामंत्री सुमंत्र ने उन्हें गंगा नदी के तट तक छोडा। वहीं पर राम-केवट संवाद हुआ जिसमें केवट ने राम के मर्म को सविस्तार बताया। गौरतलब है कि भुवनेश्वर हरिबोल परिवार के सौजन्य से आयोजित यह रामकथा 27जुलाई तक चलेगी।
-अशोक पाण्डेय
कथाव्यास गिरिधर गोपाल शास्त्री ने आज की कथा में राम के तीन भक्त-मित्र बताये।रामकेवट-संवाद सभी को अच्छा लगा।
