कल बाहुड़ा है।कल भगवान जगन्नाथ जी गुण्डीचा महोत्सव मनाकर ब्रह्मलोक/सुंदराचल/आणपमंदिर/ जनकपुरी/गुण्डीचा मंदिर से अर्थात् अपने जन्मवेदी से श्रीमंदिर रत्नवेदी वापस लौटेंगे।अपनी वापसी श्रीमंदिर यात्रा में वे रथारुढ़ लक्ष्मी -नारायण रुप में दर्शन देंगे।उनकी यह बाहुड़ा यात्रा उनके सोना वेश के दिन रथ पर ही उनकी ऐश्वर्य लीला के दर्शन कराएगी जबकि उनकी माधुर्य लीलाएं उनके मानवीय स्वभाव को स्पष्ट करती हैं। आइए, संतोष और आनंद के साथ हम भी अपने स्वयं के साथ-साथ दूसरों को भी आनंद दें!
-अशोक पाण्डेय
कल बाहुड़ा है।
