प्रस्तुतिः अशोक पाण्डेय
सनातनी शाश्वत परम्परा में सभी 12 महीनों का अपना-अपना और अलग-अलग महत्त्व है। कार्तिक महीने को पवित्रतम महीना माना जाता है। इस महीने के प्रत्येक दिन कोई न कोई पर्व-त्यौहार अवश्य मनाया जाता है। इस महीने में प्रतिदिन पवित्र स्नान,व्रत,व्रतकथा श्रवण और दान-पुण्य का अति विशेष महत्त्व है। इस महीने में मनाये जानेवाले प्रमुख पर्व-त्यौहार हैं- ताराभोज,करवा चौथ,रम्भा एकादशी, गोवत्स द्वादशी, धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, अन्नकूट, भैयादूज,सूर्यषष्ठी अर्थात् छठ, काली पूजा, गोपाष्टमी,आवला नवमी, देवोत्थान एकादशी,तुलसी विवाह,भीष्म पंचक, बैकुण्ठ चतुर्दशी और कार्तिक पूर्णिमा। ओडिशा में और विशेषकर श्रीजगन्नाथ मंदिर में पूरे कार्तिक माह तथा कार्तिक माह के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा को श्री जगन्नाथ मंदिर में भगवान विष्णु के दस अवतारों में से मत्स्य अवतार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पुरी धाम में कार्तिक माह में प्रत्येक दिन महोदधि स्नानकर श्री जगन्नाथजी के दर्शन का विशेष महत्त्व देखने को मिलता है। कहते हैं कि ओडिशा में कार्तिक मास में प्रतिदिन महोदधि स्नानकर भगवान जगन्नाथ के दर्शन का विशेष लाभ घर की बुजुर्ग महिलाएं प्राप्त करतीं हैं। वे कार्तिक व्रतकथा श्रवणकर तथा भगवान जगन्नाथ के विशेष दर्शनकर अपने जीवन को सार्थक बनातीं हैं। कार्तिक मास में श्री जगन्नाथ मंदिर में महादीपदान का भी महत्त्व है। कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र दिन सिखों के धर्मगुरु गुरुनानकदेवजी का आविर्भाव हुआ था जिसे प्रतिवर्ष गुरुनानक जयंती के रुप में मनाया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान के उपरांत मछलियों को दाना देने की भी सुदीर्घ परम्परा देखने को मिलती है। प्रोफेसर अच्युत सामंत के अनुसार वे एक आध्यात्मिक पुरुष हैं जिनके लिए सनातनी प्रत्येक माह के प्रत्येक दिन का विशेष महत्त्व है। प्रत्येक माह की संक्रांति का महत्त्व है जिसमें कार्तिक माह की संक्रांति अर्थात् 17अक्तूबर के दिन वे श्रीरामचरितमानस के सुन्दर काण्ड का संगीतमय अखण्ड पाठ का सफल आयोजन कराये। ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें यथोचित दान-दक्षिणा देकर आनंदित हुए। प्राप्त जानकारी के अनुसार नवंबर की 04तारीख को दीपावली है ,05 नवंबर को गोवर्द्धन पूजा ,06नवंबर को भाईदूज,10नवंबर को छठ तथा 19नवंबर को गुरुनानक जयंती है।
-अशोक पाण्डेय
कार्तिक महात्म्य
