भुवनेश्वर: 26.3.2023-अशोक पाण्डेय:
स्थानीय उत्कल अनुज हिंदी वाचनालय में सायंकाल वाचनालय के सचिव किशन खण्डेलवाल द्वारा लिखित कविता संग्रह “जब हम गरीब थे ” समारोह के मुख्य अतिथि विश्वनाथ सिंह जादौन, महालेखाकार द्वारा लोकार्पित हो गया। अवसर पर सुभाष चन्द्र भुरा मुख्य संरक्षक, वाचनालय,डा शंकर लाल पुरोहित, वाचनालय के मुख्य परामर्शदाता तथा रामकिशोर शर्मा आदि मंचासीन थे।साथ ही सम्मानित अतिथि के रूप में संजय लाठ, अध्यक्ष मारवाड़ी सोसायटी भुवनेश्वर आदि उपस्थित थे।कवि किशन खण्डेलवाल ने अपने काव्य संग्रह की अनुभूति सभी को बताया। रामकिशोर शर्मा ने पुस्तक समीक्षा की। मुख्य अतिथि विश्वनाथ सिंह जादौन, महालेखाकार ने अपने संबोधन में कवि किशन खण्डेलवाल के लोकार्पित कविता संग्रह : “जब हम गरीब थे” के औचित्य को स्पष्ट करते हुए संग्रह को जीवनोपयोगी बताया जिसमें श्रृंगार रस की प्रधानता है। अवसर पर अनेक कवि और कवयित्रीगण उपस्थित थे। अवसर पर डा एस के तामोतिया,प्रकाश बेताला तथा लालचंद मोहता आदि उपस्थित थे। अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ शंकरलाल लाल पुरोहित ने लोकार्पित कविता संग्रह तथा कवि किशन खण्डेलवाल की मौलिक लेखनी की सराहना की। आभार व्यक्त किया शिवकुमार शर्मा ने। मुख्य अतिथि का सम्मान अंगवस्त्र तथा स्मृति चिह्न भेंट कर किया।
अशोक पाण्डेय
किशन खण्डेलवाल का कविता संग्रह”जब हम गरीब थे” महालेखाकार विश्वनाथ सिंह जादौन द्वारा लोकार्पित
