-अशोक पाण्डेय
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एक बुद्धिमान किसान था। उसके तीन बेटे थे। उसकी पत्नी का अचानक निधन हो गया। किसान अपने तीनों बेटों को व्यावहारिकता का पाठ अपने अनुभव और ज्ञान पढ़ाया। उसने अपने घर के सामने एक मीठे आम का पेड़ लगा दिया। तीनों बेटों को बता दिया कि वह कभी भी मर सकता है इसीलिए जब आम के पेड़ पर आम पक जाए तो जमींदार के पास एक टोकरी आम अवश्य दे देंगे।यह कहकर बुद्धिमान किसान मर गया। तीनों बेटे बेकार हो गये। समय के अनुसार आम का मौसम आया। किसान के घर के सामने का आम का पेड़ मीठे -मीठे आम के फल से लद गया। तीनों बेटे मिलकर एक टोकरी मीठे आम फल को लेकर जमींदार के पास गये। जमींदार मीठे -मीठे आम खाकर प्रसन्न हो गया। वह किसान के बेटों को एक एकड़ जमीन दे दिया। अब स्वर्गीय बुद्धिमान किसान के तीनों बेटे खेती करके आराम से रहने लगे।
-अशोक पाण्डेय
