“महिलाओं को अपनी स्वयं की अन्तःकरण की शक्ति को महसूस करना चाहिये।“
“यह विशेष दिवस न केवल महिलाओं का दिवस है अपितु महिलाओं के सम्मान का भी दिवस है।“
–प्रोफेसर अच्युत सामंतः
संस्थापकःकीट-कीस तथा
कंधमाल लाकसभा सांसद
भुवनेश्वरः07मार्चःअशोक पाण्डेयः
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के एक दिन 07मार्च को ही कीट-कीस में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। प्रोफेसर अच्युत सामंतः संस्थापकःकीट-कीस तथा कंधमाल लाकसभा सांसद ने अपने संबोधन में महिलाओं को उनके स्वयं अन्तःकरण की शक्ति को महसूस करनी चाहिये तथा यह विशेष दिवस न केवल महिलाओं के नाम विशेष दिवस के रुप में ही नहीं मनाय जाय अपितु महिलाओं के सम्मान के दिवस के रुप में भी मनाया जाना चाहिये।उन्होंने कहा कि सबसे पहले महिलाओं को शक्तिशाली बनाना चाहिये। समाज की असहाय और जरुरतमंद महिलाओं को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का पूरा हक है।कीट-कीस अपनी स्थापना के आरंभ से ही महिला सशक्तिकरण का विशेष ध्यान रखा है जहां पर कुल 60 प्रतिशत महिलाएं ही कार्यरत हैं।वे सभी महिलाओं ससम्मान पिछले लगभग 28 वर्षों से अपने-अपने दायित्व का निर्वहन ईमानदारी से कर रहीं हैं तथा कीट-कीस-कीम्स का मान-सम्मान बढा रहीं हैं।अपने संबोधन में कीट डीम्ड विश्वविद्यावय की कुलपति प्रोफेसर एस सामंत ने बताया कि मातृत्व अपने आपमें महिलाओं की दैवी शक्ति है जिसके बदौलत पूरे विश्व में वे शक्ति की स्त्रोत रही हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के विचारों का उल्लेख करते हुए महिलाओं को उनको स्वयं उनके भाग्य का विधाता बताया।कीम्स के प्रतिकुलपति प्रोफेसर सीबीके महंती ने बताया कि महिलाएं सदैव से ही शक्तिशाली रही हैं।उनके पास कमाल की अन्तःशक्ति तथा कौशल है जिसे उन्हें महसूस करना चाहिये। कीट डीम्ड विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रोफेसर चरनजीत सिंह ने आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह में स्वागतभाषण दिया जबकि आभार प्रदर्शन किया प्रोफेसर ज्ञानरंजन महंती,कुलसचिव,कीट डीम्ड विश्वविद्यालय ने।अवसर पर कीट-कीस महिला मंच का भी विधिवत उद्घाटन हुआ।
अशोक पाण्डेय
कीट-कीस ने मनाया अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस कीट-कीस महिला मंच भी उद्घाटित
