भुवनेश्वर, 4मार्चः : अशोक पाण्डेय:
अंतर्राराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कीट डीम्ड विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस। अवसर पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिनमें महिलाओं को सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में सफलता हांसिल करने और उनके स्व अधिकारों के बारे में जागरुक होने के लिए बताया गया। गौरतलब है कि हर साल 8 मार्च को कीट की ओर से अंतर्राराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय था: ‘डिजिटल : लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी’। महिला दिवस के लिए कीट परिसर में मार्च के महीने में महिलाओं को जागरुक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन पूरे माह भर आयोजित किया जाता है। इस वर्ष पहली मार्च को कीट स्कूल आफ ला द्वारा -विषय ‘महिला, कानून और नेतृत्व’ पर विशेष चर्चा हुई। इसे कीट स्कूल आफ ला के निदेशक डॉ भवानी प्रसाद पंडा और नीति अध्ययन संकाय, दोशीशा विश्वविद्यालय, क्योटा, जापान के प्रोफेसर कीजी कवाई और प्रोफेसर अकीरा कवागुची जैसे वक्ताओं ने संबोधित किया। प्रोफेसर कीजी ने जहां जापान में महिलाओं के जीवन की बात बताई वहीं प्रोफेसर कावागुची ने जापान में लैंगिक विषमता के विषय में बताया। अवसर पर प्रोफेसर पारोमिता चट्टोराज जैसे संकाय सदस्यों ने ‘बदलाव के रूप में महिलाएं – कानून सुधारों की एजेंट’ पर ध्यान केंद्रित किया। प्रोफेसर बिनीता बेहरा ने ‘फिक्सिंग द ब्रेकन रंग’ पर विचार अपनी व्यक्त किया। प्रो सौम्या महापात्र ने महिला, कानून और नेतृत्व : मुद्दे और चुनौतियां’ पर अपनी बात कही। इसी तरह सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रम के दूसरे दिन ‘महिला सुरक्षा @ साइबर स्पेस’ पर चर्चा हुई जहां वक्ताओंने महिला सशक्तिकरण के लिए प्रौद्योगिकी क्षमता पर जोर दिया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईइएलआईटी) नाइलिट के प्रधान तकनीकी अधिकारी प्रशांत गुप्ता ने कर्मचारियों को मोबाइल फोन और इंटरनेट के उपयोग के बारे में जागरुक किया और सभी को सलाह दी कि वे ऑफर के लालच में न आएं और अज्ञात लोगों के साथ संवेदनशील जानकारी साझा न करें। कार्यक्रम में डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म, थर्ड पार्टी ऐप्स और ऑनलाइन फ्रॉड से बचाव के उपायों के बारे में भी प्रेजेंटेशन दिया गया। विशेष रूप से तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी उद्योग में महिलाओं की अधिक भागीदारी के संदर्भ में बुधवार और गुरुवार को प्रौद्योगिकी पर सघन चर्चा हुई। अवसर पर प्रोफेसर संघमित्रा पटनायक ने अपनी प्रस्तुति में कहा कि प्रौद्योगिकी की क्षमता का अधिक से अधिक दोहन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं की कम उपस्थिति न केवल उनके लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक खोए हुए अवसर का प्रतिनिधित्व करती है। काम पर अधिक विविधता हमारे समाज के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों के बारे में एक वैश्विक और अधिक सटीक दृष्टिकोण प्रदान करेगी। यदि महिलाओं को छोड़ दिया जाता है, तो न केवल लैंगिक अंतर बढ़ेगा अपितु असमानता भी बढ़ती रहेगी। आर्थिक और सामाजिक समस्याओंसे जुड़े मुद्यों को भी सुलझाना और दूर करना कठिन होगा। महिलाओं की सुरक्षा और साइबरस्पेस पर चर्चा में भाग लेने वाले अन्य लोगों के अलावा कीट की वीसी प्रोफेसर सस्मिता सामंत और रजिस्ट्रार प्रो.ज्ञानरंजन मोहंती भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। वक्ताओंने महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रोफेसर अच्युत सामंत के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा स्थापित कीट में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं को दिए गए महत्त्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है। इस कार्यक्रम के अंत में कीट स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के प्रोफेसर कृष्णा चक्रवर्ती ने स्वागत भाषण दिया और कीट महिला मंच की अध्यक्षा पुष्पलता पाटजोशी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इसी तरह 3मार्च को कीट ड्यू के घटक कीम्स में ‘प्रजनन स्वास्थ’ पर एक सेमिनार आयोजित किया गया । संगोष्ठी में भाग लेने वालों को प्रजनन प्रणाली के समग्र स्वास्थ्य, यौन संचारित संक्रमणों की रोकथाम, सुरक्षित गर्भावस्था और प्रसव सहित अन्य के बारे में जागरुक किया गया। इस अवसर पर कीम्स स्कूल ऑफ नर्सिंग की प्रिसिंपल प्रोफेसर नियति दास, नर्सिंग अधीक्षक सुषमा साहू, कीम्स स्कूल ऑफ नर्सिंग की वाइस प्रिसिंपल प्रोफेसर कल्याणी रथ और कीट महिला फोरम की सदस्य डॉ सौम्या मिश्रा और दीपाली मोहंती सहित अन्य उपस्थित थे।
अशोक पाण्डेय
कीट डीम्ड विश्वविद्यालय में अंतर्राराष्टीय महिला दिवस आयोजित
