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कीट डीम्ड विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर का तीन दिवसीय वार्षिक दीक्षांत समारोह:2025 संपन्न

आमंत्रित नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने दीक्षांत समारोह में स्नातकों को अपने उद्बोधन से प्रेरित किया.

भुवनेश्वर, 28 सितम्बर: कीट डीम्ड विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर का 21वां वार्षिक दीक्षांत समारोह :2025 रविवार को संपन्न हो गया। इस अवसर पर कुल 9,464 विद्यार्थियों को स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्रदान की गई, जिनमें 7,235 स्नातक, 2,034 स्नातकोत्तर और 195 पीएच.डी. उपाधियाँ शामिल थीं। पहली बार विश्वविद्यालय के इतिहास में दीक्षांत समारोह तीन दिनों तक आयोजित किया गया ताकि बड़ी संख्या में स्नातकों और उनके परिजनों को समायोजित किया जा सके।

समारोह की गरिमा बढ़ाने हेतु नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. मोहन मुनेसिंघे (श्रीलंका), नोबेल शांति पुरस्कार विजेता हेर एक्स. ओइदेद बुशामाउई (ट्यूनीशिया) और डॉ. जस्टिस अब्दुलक़ावी अहमद यूसुफ, न्यायाधीश एवं अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के पूर्व अध्यक्ष उपस्थित रहे।

इस अवसर पर मानद उपाधि (डॉक्टरेट ऑफ लॉ – Honoris Causa) डॉ. फिदेल रेयेस ली (रेक्टर एवं सांसद, ग्वाटेमाला गणराज्य), डॉ. हुसैफा खोराकीवाला (कार्यकारी निदेशक, वॉकहार्ट लि. एवं वैश्विक मानवतावादी), श्री नॉर्बर्ट सॉयर (चेयरमैन, आर्कियोलॉजिकल पार्क, जर्मनी), श्री संजय हंस (संस्थापक चेयरमैन, लालचंद समूह), श्री एस. के. सचदेवा (चेयरमैन एवं संपादक, Competition Success Review) तथा ओइदेद बुशामाउई को प्रदान की गई।

अपने संबोधन में प्रो. मुनेसिंघे ने बदलती दुनिया में शांति और सतत विकास की चुनौतियों पर जोर दिया और “गरीबी, असमानता और संसाधनों की कमी” के गहरे संबंध को रेखांकित किया।

जस्टिस यूसुफ ने स्नातकों को वैश्विक शांति दूत और न्याय के प्रवक्ता बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कीट के स्नातक “विश्वास की इमारतें और पुल” बनाएँ, जब “अन्याय अंधेरे में फुसफुसाए तो उसके खिलाफ खड़े हों” और पीड़ितों व उपेक्षितों के प्रति करुणा दिखाएँ।

अपने उद्बोधन में हेर एक्स. बुशामाउई ने मानद उपाधि प्राप्त करने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे अपने को सौभाग्यशाली मानती हैं कि वे कीट आने वाले 23 अन्य नोबेल पुरस्कार विजेताओं की श्रेणी में शामिल हुई हैं।

वक्ताओं ने कीट एवं कीस के संस्थापक महान् शिक्षाविद् प्रोफेसर अच्युत सामंत की दूरदर्शिता और अभूतपूर्व योगदान की सराहना की। डॉ. खोराकीवाला ने कहा कि कीठ और कीस शिक्षा और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के स्तंभ हैं। श्री सचदेवा ने प्रोफेसर सामंत को “दूरदर्शी नेता और मानवतावादी” बताते हुए कहा कि उनका जीवन सेवा, दृढ़ता और करुणा का आदर्श है। डॉ. ली ने इसे भारत और ग्वाटेमाला के बीच शिक्षा, शांति और न्याय के रिश्ते का प्रतीक बताया।

श्री अशोक कुमार परीजा, कुलपति (चांसलर), ने कहा कि “स्नातक वर्ग 2025 केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता ही नहीं बल्कि बदलाव के मशालवाहक बनने का साहस और संकल्प भी दर्शाता है।” प्रो. (डॉ.) एस. के. आचार्य, प्रो-कुलपति, ने छात्रों को निरंतर सीखते रहने की प्रेरणा दी। कुलपति प्रो. सरंजीत सिंह, रजिस्ट्रार प्रो. जे. आर. महंती, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और हजारों छात्र-छात्राएँ समारोह में शामिल हुए।

इस अवसर पर प्रोफेसर सामंत ने सभी स्नातकों को बधाई देते हुए कहा, “हम उत्कृष्टता के प्रति अपनी संस्थागत प्रतिबद्धता को दोहराते हैं और शोध एवं नवाचार के माध्यम से शैक्षणिक प्रभाव को और गहरा करने की दिशा में आगे बढ़ते रहेंगे।”
अशोक पाण्डेय

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