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कीट में जलवायु सम्मेलन आयोजित

अब से सभी को ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक होना होगा : चेतन सोलंकी

भुवनेश्वर, 13/10: कीट मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्कूल और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के सहयोग आयोजित सबसे बड़ी जलवायु ब्लॉक असेंबली में भाग लेते हुए आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर और एनर्जी स्वराज के संस्थापक, प्रसिद्ध पर्यावरणविद् प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी ने कहा कि अगर दुनिया के लोग ऊर्जा संरक्षण और उपयोग के बारे में शिक्षित नहीं हैं, तो भविष्य की स्थिति असंभव होगी। प्रोफेसर सोलंकी ने पारंपरिक ऊर्जा और कार्बन आधारित ऊर्जा के उपयोग से बचने के लिए सौर ऊर्जा के तीन विकल्पों पर जोर दिया। वह है, पारंपरिक ऊर्जा और कार्बन आधारित ऊर्जा से दूर रहना, कम ऊर्जा का उपयोग करना, ऊर्जा संरक्षण और उचित उपयोग के लिए ऊर्जा उत्पादन। उन्होंने कहा कि अब देश को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना चाहिए। उन्होंने पारंपरिक ऊर्जा से बचने के लिए ऊर्जा संरक्षण जैसे एलईडी प्रकाश व्यवस्था और न्यूनतम बिजली का प्रयोग करने का सुझाव दिया। आयोजित इस कार्यक्रम में कीट और कीस के संस्थापक डॉ अच्युत सामंत ने जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में प्रोफेसर सोलंकी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हमें जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों से बचने के लिए अभी से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा “जब दुनिया घातक कोरोना महामारी पर काबू पाने में कामयाब रही है, अगर हम प्रयास करें तो हम अभी भी जलवायु परिवर्तन की भयावहता पर काबू पा सकते हैं।” अगर हमने अभी इस दिशा में काम करना शुरू नहीं किया तो यह भविष्य में हमारे लिए बड़ी समस्याएं खड़ी कर देगा । इस मौके पर डॉ सामंत के द्वारा हरित प्रयास शुरू हुआ । कार्यक्रम मैं कीट विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर शरणजीत सिंह और कुलसचिव प्रोफेसर ज्ञानरंजन मोहंती ने भाग लिया। इस अवसर पर स्थायी ऊर्जा पहल के रूप में, कीट और कीस में कैसे 50 मिलियन वाट सौर ऊर्जा उत्पन्न की गई है और सालाना लाखों पेड़ लगाए गए हैं उसपर जानकारी दी गई।

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