Header Ad

Categories

  • No categories

Most Viewed

कीट रजत जयंती वर्षः2022 का हुआ शानदार आगाज

कीट द्वारा आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन में शामिल हुए लगभग 100 कुलपति,
आईआईएम निदेशक तथा 300 प्राचार्य

भुवनेश्वरः21नवंबरःअशोक पाण्डेयः
20नवंबर को अपने कण्वेशन सेंटर पर कीटडीम्ड विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर ने अपने रजत जयंती वर्षः2022 को यादगार बनाने के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन बुलाया। समारोह में कुल लगभग 100 कुलपति,आईआईएम निदेशक तथा लगभग 300 प्राचार्य शामिल हुए। सम्मेलन के मुख्यअतिथि के रुप में ओडिशा के मान्यवर राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल ने योगदान दिया। उन्होंने अपने संदेश में एक युवा के उज्ज्वल भविष्य के लिए गुरु-शिष्य परम्परा को अपनाने का पावन संदेश दिया।उन्होंने शाश्वत जीवन मूल्यों को जीवन में अपनाने की भी अपील युवाओं से की। गौरतलब है कि आयोजित शिक्षा संगोष्ठी में नई शिक्षा नीति 2020 पर सघन चर्चा-परिचर्चा हुई जिसके परिणास्वरुप बच्चों के सर्वांगीण विकास में नई शिक्षा नीति को सबसे कारगर बताया गया।राज्यपाल ने यह भी बताया कि शिक्षा का लाभ बच्चों को तबतक नहीं मिलेगा जबतक वे अपने से अहंकार तथा लालच का त्याग नहीं करेंगे जैसाकि भारत के प्राचीनतम ग्रंथों जैसे श्रीमद्भागवत गीता में जीवनोपयोगी शिक्षा का संदेश है।हमें,मानव,प्रकृति तथा विज्ञान के अटूट संबंधों को जानना होगा,समझना होगा तथा अपनाना होगा।अपने संबोधन में उत्कल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.सबिता आचार्य ने एनइपी में उल्लेखित मानव विकास को स्पष्ट किया।कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रो.अच्युत सामंत ने बडे ही भावुकता भरे अंदाज में कहा कि आज कीट डीम्ड विश्विद्यालय,भुवनेश्वर तथा कीस डीम्ड विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर 1992-93 में मात्र दो रुमवाले किराये के मकान में मात्र 125 बच्चों से आरंभ हुआ और आज इन दोनों संस्थाओं में कुल लगभग 75,000 छात्र-छात्राएं उत्कृष्ट तालीम पा रहे हैं। कीट-कीस दुनिया की सबसे बडी अनोखी शैक्षिक संस्थान बनकर अपना रजत जयंती वर्ष -2022 मना रहा है।राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय,जोघपुर के कुलपति पूनम सक्सेना ने बताया कि नई शिक्षा नीति में सभी के लिए उल्लेखित सभी के लिए शिक्षा को बढावा देने की सिफारिश की गई है जिनको अपनाने की जरुरत है।उन्होंने बताया कि भारत एक ऐसा देश है जहां पर 100-200 किलोमीटर के फासले पर पानी,भाषा,वस्त्र,भोजन की आदत बदल जाती है।आईआईएम,नागपुर के निदेशक प्रो.भीमाराया मेत्री ने बताया कि पिछले 25 वर्षों की कीट की उपलब्धियां अति सराहनीय हैं।उनके अनुसार नई शिक्षा नीति के सभी मानदण्डों को कीट लागू किया गया है जो एक उल्लेखनीय और प्रशंसनीय कदम है। उन्होंने शिक्षा की दूसरी भाषा के रुप में क्षेत्रीय भाषाओं तथा संस्कृत को अपनाने की भी अपील की। कीट डीम्ड विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर की कुलपति प्रो. सस्मितारानी सामंत ने बताया कि कीट आज सभी प्रकार से(शिक्षा,पाठ्यसहगामी कार्यकलाप तथा खेलकूद में) भारत का सबसे बडा डीम्ड विश्वविद्यालय बन चुका है जिसको अनेक राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय मान्यताएं प्राप्त हैं।आयोजित एक-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन में अनेक शैक्षिक सत्र,पांच आरंभिक सत्र,तीन गोलमेज सत्र तथा एक डिजिटल लाइब्रेरी सत्रआदि आयोजित हुआ जिसके माध्यम से नई शिक्षा नीति-2020पर सघन चर्चा हुई।शिक्षा के माध्यम से भाईचारे,गरीबी उन्मूलन,विश्वबंधुत्व और आदिवासी शिक्षा आदि को सार्थक बनाने पर विचार किया गया।प्रो. टी.वी.कट्टीमणि,केन्द्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय, आंध्रप्रदेश ने शिक्षा सम्मेलन के मुख्य अतिथि ओडिशा के मान्यवर राज्यपाल प्रो.गणेशी लाल को नई शिक्षानीतिः2020 पर आधारित अपनी प्रकाशित पुस्तक भेंट की।
अशोक पाण्डेय

    Leave Your Comment

    Your email address will not be published.*

    Forgot Password