जैसाकि हमसब यह जानते हैं कि कैलास लोक के स्वामी स्वयं भगवान शिव हैं.
श्रीमद् भागवत में इस लोक की छटा न्यारी बताई गई है.
इस शिवलोक में भोलेनाथ सपरिवार सानंदपूर्वक रहते हैं.
वहां अर्थात् उस शिवलोक में
एक विशालतम वटवृक्ष है जो सौ योजन ऊंचा है. जिसकी डालियां पचहत्तर योजन तक फैली हुई हैं.
उसी मुमुक्षु वट वृक्ष के नीचे भगवान भोलेनाथ विराजमान होकर तपस्या करते हैं.
जय भूतनाथ की!