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कोरोना के कारण हृदयगति रुकने से हिन्दी प्रोफेसर राधाकांत मिश्र का 81वर्ष की उम्र में हुआ निधन

गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस का
ओडिया अनुवादकर सदा-सदा के लिए अमर हो गये
छात्रवत्सल प्रोफेसर राधाकांत मिश्र

भुवनेश्वरः21मईःअशोक पाण्डेयः

ओडिशा बलंगीर जिला निवासी 81वर्षीय हिन्दी प्रोफेसर राधाकांत मिश्र का 20मई को कोरोना के कारण हृदयगति रुकने से भुवनेश्वर के एक अस्पताल में असामयिक निधन हो गया।उनके परिवार में उनकी पत्नी ,उनके दो बेटे और उनकी एक बेटी हैं। ओडिशा में हिन्दीभाषा और साहित्य के माध्यम से हिन्दी को विकसित करनेवाले प्रोफेसर राधाकांत मिश्र अपने जीवन के अंतिम समय में भी उत्कल विश्वविद्यालय के नये हिन्दी विभाग में  अध्यापन से जुडे रहे। विश्वभारती,शांतिनिकेतन से हिन्दी में पीएच.डी. तथा उत्कल विश्वविद्यालय़भुवनेश्वर से हिन्दी में डी.लिट् करनेवाले छात्रवत्सल प्रोफेसर राधाकांत मिश्र भगवान जगन्नाथ के अनन्य उपासक थे। कुल लगभग 20 पुस्तकों के लेखक छात्रवत्सल प्रोफेसर राधाकांत मिश्र केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय से ओडिया-हिन्दी अनुवाद तथा हिन्दी-ओडिया अनुवाद को लेकर काफी लंबे समय तक जुडे रहे। सच कहा जाय तो गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस का ओडिया अनुवादकर वे सदा-सदा के लिए अमर हो गये ।अपने हिन्दी अनुवाद कौशल को लेकर श्री जगन्नाथपुरी के जगतगुरु शंकराचार्य ,गजपति महाराजा  तथा अनेक नामी मठाधीशों से आजीवन जुडे रहे प्रोफेसर राधाकांत मिश्र । आकाशवाणी से रथयात्रा की हिन्दी कामेण्ट्री के लिए वे काफी लोकप्रिय रहे। प्रोफेसर मिश्र ने जयशंकर प्रसाद की कालजयी रचना कामायनी का भी ओडिया अनुवादकर अपनी एक विशिष्ट पहचान हिन्दी तथा ओडिया साहित्यजगत में बनाई। वे कटक रेविंशा विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर एवं  विभागाध्यक्ष रहे.लगभग चार दशकों तक ओडिशा में हिन्दी की सेवा देनेवाले प्रोफेसर राधाकांत मिश्र एक निष्पक्ष और स्पष्ट विचारोंवाले अतिसंवेदनशील समीक्षक तथा साहित्यकार थे। उनके असामयिक निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करनेवालों में हिन्दी के डा अनूप कुमार,डा शंकरलाल पुरोहित,डा अजय पटनायक तथा अशोक पाण्डेय आदि हैं।

अशोक पाण्डेय

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