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क्षण भर का सत्संग भवसागर पार करा देता है:अच्छी बात कहीं से किसी से मिले उसे हमेशा ग्रहण कर लेना चाहिए: मुनिश्री जिनेश कुमार

भुवनेश्वर:10मार्च: अशोक पाण्डेय
क्षण भर का सत्संग आदमी को भवसागर पार करा देता है। संतों की संगति में आकर पापी भी पावन बन जाता है। संत एवं सतसंग के संदर्भ में विस्तार से जानकारी देते हुए यह बात जैन मुनिश्री जिनेश कुमार ने कही है।
स्थानीय बेबीलोन गार्डेन जयदुर्गा नगर में आयोजित सतसंग कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए मुनिश्री जिनेश कुमार ने कहा है कि संत बादल की तरह होते हैं। जिस प्रकार से बादल किसी के साथ भेदभाव नहीं करता है, संत भी पूरे समाज को समान रूप से ज्ञान वितरित करते हैं। मुनिश्री ने कहा कि आदमी किसी की सेवा करता है तो उसके पीछे स्वार्थ की भावना होती है। अच्छी बात कहीं से किसी से मिले उसे हमेशा ग्रहण कर लेना चाहिए। इसके आपकी दशा एवं दिशा दोनों बदल जाती है। मुनिश्री ने इस अवसर पर संत के प्रभाव को विस्तार रूप से समझाया और बताया कि धर्म की प्रेरणा देने वाले संत महात्मा होते हैं। संत संगति का लाभ उठानी चाहिए। वह व्यक्ति भाग्यशाली होता है जो निरंतर भक्ति के मार्ग पर चलता है। मुनिश्री ने कहा कि आत्मा के उत्थान के लिए संतों की संगति में रहना चाहिए। मानव को जैसी संगत मिलती है मानव उसी रूप में ढल जाता है।
इस अवसर पर बाल मुनि कुणाल कुमार ने भगवान महावीर की वंदना की। बेबिलोन के बच्चों ने स्वागत गीत गाकर तो महिला मंडल ने बेबिलोन गीतिका के माध्यम से मुनिश्री जिनेश कुमार का स्वागत किया। भुवनेश्वर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष बच्छराज बेताला ने कहा कि बड़ा भाग्य से संत समाज का आगमन होता है, हमें मुनिश्री के सीखाए संदेशों को अपनाना चाहिए। आनंद बराड़िया ने मंच संचालन किया।
अशोक पाण्डेय

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