चतुर्धा दारु विग्रह देवगण कलियुग के चारों जीवित वेद हैं जो श्री जगन्नाथ धाम पुरी के श्रीमंदिर के रत्न वेदी पर विराजमान हैं । आइए, भगवान जगन्नाथ के ऋग्वेद स्वरुप के दर्शन करें और अपने जीवन को सार्थक करें!
जय जगन्नाथ!
-अशोक पाण्डेय
चतुर्धा दारु विग्रह देवगण कलियुग के चारों जीवित वेद हैं जो श्री जगन्नाथ धाम पुरी के श्रीमंदिर के रत्न वेदी पर विराजमान हैं ।
