भुवनेश्वरः03मार्चःअशोक पाण्डेयः
क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भुवनेश्वर तथा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के सौजन्य से आरआईइ भुवनेश्वर के नये सभागार में 2मार्च को चरित्रनिर्माण तथा समग्र विकास विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी का आरंभ हुआ। क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भुवनेश्वर के प्राचार्य प्रोफेसर पी.सी.अग्रवाल ने उद्घाटन सत्र में स्वागत की औपचारिकता निभाई तथा आयोजन के उद्देश्य को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीतिः2020 में स्कूल सेटिंग में सबसे बडी जरुरत बच्चों के चरित्र निर्माण तथा उनके व्यक्तित्व के समग्र विकास की जरुरत होती है जिसपर राष्ट्र का चरित्र निर्भर करता है।उन्होंने बताया कि शिक्षा हमें एक अच्छा मानव बनाने में,एक अच्छा राष्ट्र बनाने में और एक अच्छा विश्व नागरिक बनाने में सहायक है। समारोह के मुख्य अतिथि डा. अतुल भाई कोठारी शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के राष्ट्रीय महासचिव ने अपने संबोधन में स्वामी विवेकानन्द के योगदानों का उल्लेख करते हुए यह बताया कि शिक्षक का दायित्व देश के युवाओं के युवा मस्तिष्क को बेहतर मानव बनाने की ओर उन्मुख करना होना चाहिए जिसके लिए बेहतर नीति की जरुरत है। और उसके लिए नई शिक्षा नीतिः2020 ही सबसे सशक्त माध्यम है जिसमें शाश्वत जीवन मूल्यों की रक्षा के साथ-साथ स्कूल सेटिंग,बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा तथा उनके सर्वांगीण(समग्र) विकास का सविस्तार उल्लेख है। प्रोफेसर बी.एन.पण्डा,डीन(आर) तथा प्रोफेसर संध्या साहू,डीन(आई)ने संगोष्ठी को संबोधित किया। अवसर पर श्री देशराज शर्मा भी विषयविशेषज्ञ के रुप में उपस्थित थे। संगोष्ठी का आरंभ सह-संयोजिका डा.कलिंगा कटकी के सरस्वती वंदना से हुआ जबकि आभारज्ञापन प्रोफेसर एस.के.दाश संगोष्ठी संयोजक ने किया।
अशोक पाण्डेय
चरित्रनिर्माण तथा समग्र विकास विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भुवनेश्वर में आयोजित
