भुवनेश्वरः09नवंबरःअशोक पाण्डेयः
प्रकृति उपासना तथा आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ भुवनेश्वर में समस्त छठव्रतधारी अपने-अपने घर पर ही इस वर्ष मना रहे हैं। महापर्व के पहले दिन 08नवंबर को नहाय-खाय था।09नवंबर को स्थानीय बरमुण्डा निवासी इंजीनियर राजकुमार की माताजी श्रीमती छाया देवी इस वर्ष भी छठव्रत की हैं जिन्होंने सायंकाल छठ परमेश्वरी की विधिवत पूजन किया और परिवार के सभी सदस्यों पतिःश्री महेश कुमारजी,पुत्रःइंजीनियर श्री राजकुमारजी. कुलबहुःसुभद्रा देवी, नतनीःरीया राज,रायमा राज,नातीःशुभम् राज तथा शुभचिंतक श्री अशोक पाण्डेय को अपने हाथों से खरना प्रसाद दिया। इंजीनियर राजकुमार ने बताया कि भुवनेश्वर में पहली बार उन्होंने ही अपने घर पर छठ मनाना आरंभ किया था।आज लगभग तीन दशक हो गया है भुवनेश्वर में उनके परिवार द्वारा छठ मनाने का। उन्होंने बताया कि 10नवंबर,कार्तिक शुक्लपक्ष की षष्ठी को सायंकाल भगवान सूर्यदेव को पहले सायंकालीन अर्घ्य की तैयारी उन्होंने अपने ही घर के छत पर कर पूरी कर ली है जिसमें छठ का घाट छोटे आकार में तैयार है और 11नवंबर,कार्तिक शुक्लपक्ष की सप्तमी को भोर के समय उगते हुए सूर्यदेव को अंतिम अर्घ्य देकर छठव्रतधारी उनकी माताजी अपना व्रत तोडेंगी।श्री महेश कुमारजी ने बताया कि चार दिवसीय छठ महापर्व मनाने के लिए बिहार के औरंगाबाद में एकमात्र ऐसा देवालय है जहां पर सामूहिक छठ पर्व के भव्य आयोजन के लिए पवित्र जलाशय भी है तथा छठ पूजन के लिए विशाल प्रांगण भी। छठव्रतधारी श्रीमती छाया देवी ने बताया कि सभी कोरोना संक्रमण से मुक्त हों इसी कामना के साथ वे विशेष रुप से छठ परमेश्वरी से प्रार्थना कर रही हैं। सच तो यह है कि कोरोना के कारण पिछले दो सालों से भुवनेश्वर में सभी छठव्रतधारी अपने-अपने घर भी छठ मनाते हैं और ठेकुआ प्रसादसेवन करते हैं और अपने सभी हित-मित्रों को कराते हैं।
अशोक पाण्डेय
छठ महापर्व का दूसरा दिनःखरना प्रसादसेवन संपन्न इंजीनियर राजकुमार ने अपने घर की छत पर बनाया छठ-घाट
