जगन्नाथ भक्त जीवन से बढ़कर कोई सुख नहीं है और आत्मसंतोष से बढ़कर कोई आनंद नहीं है। इसीलिए जगन्नाथ भक्त बनें और आत्मसंतोषी भी।
-अशोक पाण्डेय
जगन्नाथ भक्त जीवन से बढ़कर कोई सुख नहीं है और आत्मसंतोष से बढ़कर कोई आनंद नहीं है

जगन्नाथ भक्त जीवन से बढ़कर कोई सुख नहीं है और आत्मसंतोष से बढ़कर कोई आनंद नहीं है। इसीलिए जगन्नाथ भक्त बनें और आत्मसंतोषी भी।
-अशोक पाण्डेय