Header Ad

Categories

  • No categories

Most Viewed

जनजातिःजननायक तथा महान तपस्वी शिक्षाविद् प्रो.अच्युत सामंत को मिली उत्कल विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर से मानद डॉक्टरेट की डिग्री

प्रो.सामंत को देश-विदेश के नामी विश्वविद्यालयों सेमिली मानद डॉक्टरेट की डिग्रियों की श्रृंखला में
यह 50वीं मानद डॉक्टरेट की डिग्री रही
अबतक भारत में स्वर्गीय राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम कोहीकुल 50 मानद डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त है जिनके रिकर्ड को आज तपस्वी शिक्षाविद् प्रो. सामंत ने पूरा किया

भुवनेश्वरः23दिसंबरःअशोक पाण्डेयः
23 दिसंबर को उत्कल विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर ने अपना 52वांवार्षिक दीक्षांत समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया।समारोह की अध्यक्षता ओडिशा के महामहिम राज्यपाल तथा उत्कल विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर के कुलाधिपति प्रो. गणेशीलाल ने की। मुख्य अतिथि के रुप में भारत के उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वी. गोपाला गवडा तथा सम्मानित अतिथि के रुप में ओडिशा सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव आईएएस बिष्णुपदा सेठी ने हिस्सा लिया। उत्कल विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर की पहली महिला कुलपति प्रो. सबिता आचार्य ने स्वागत भाषण दिया।विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.अभय कुमार नायक,ओएएस ने विश्वविद्यालय के उद्भव और विकास की विस्तृत जानकारी दी।गौरतलब है कि उत्कल विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर ओडिशा का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना 1943 में हुई। विश्वविद्यालय ऑल इण्डिया रैंकिंग में 88वें स्थान पर विराजमान है। अवसर पर जनजाति जननायक तपस्वी महान शिक्षाविद् प्रो.अच्युत सामंत ,प्राणप्रतिष्ठाताःकीट-कीस तथा कंधमाल लोकसभा सांसद को उनकी उल्लेखनीय तथा प्रशंसनीय शैक्षिक पहल,कीट-कीस के लिए तथा उनकी निःस्वार्थ लोकसेवा के लिए उत्कल विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर की ओर से उन्हें मानद डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की गई।गौरतलब है कि 1987 में प्रो.अच्युत सामंत ने उत्कल विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर से ही रसायन विज्ञान में एम.एससी किया। प्रो.सामंत को देश-विदेश के नामी विश्वविद्यालयों से मिली मानद डॉक्टरेट की डिग्रियों की श्रृंखला में यह 50वीं मानद डॉक्टरेट की डिग्री उनके नाम है।सबसे रोचक बात यह है कि अबतक भारत में भारत के स्वर्गीय महामहिम राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम को ही देश-विदेश के नामी विश्वविद्यालयों से कुल 50 मानद डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त है जिनके रिकर्ड को आज बराबर कर दिया तपस्वी शिक्षाविद् प्रो.अच्युत सामंत ने। अपनी प्रतिक्रिया में प्रो.अच्युत सामंत ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए यह बताया कि उन्हें आज इस बात की खुशी है कि उनको अपने ही विश्वविद्यालय उत्कल विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर से मानद डॉक्टरेट की डिग्री आज मिली जो उनके नाम 50वीं मानद डॉक्टरेट डिग्री है। गौरतलब है कि प्रो. अच्युत सामंत जब मात्र चार साल के थे तभी उनके पिताजी का एक रेल दुर्घटना में असामयिक निधन हो गया। उनकी विधवा मां घोर आर्थिक संकटों में उनका भरण-पोषण की। प्रो.सामंत ने अपनी कुल जमा पूंजी मात्र पांच हजार रुपये से एक किराये के मकान में कीट-कीस की स्थापना 1992-93 में मात्र 125 बच्चों से की। उनके भाग्य और पुरुषार्थ के बदौलत उनके द्वारा स्थापित कीट-कीस आज दो डीम्ड विश्वविद्यालय बन चुके हैं। कीट तकनीकी विश्वविद्यालय उनका अगर एक कारपोरेट है तो उसकी सामाजिक जिम्मेदारी कीस है जो दुनिया का प्रथम आदिवासी आवासीय डीम्ड विश्वविद्यालय है जहां पर प्रतिवर्ष लगभग तीस हजार अनाथ,बेसहारा तथा आर्थिक रुप से कमजोर आदिवासी बच्चे समस्त आवासीय सुविधाओं का निःशुल्क उपभोग करते हुए फ्री केजी कक्षा से लेकर पीजी कक्षा तक उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त करते हैं। अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करते हैं। सच कहा जाय तो कीसचरित्रवान,जिम्मेदार तथा जन हितकारी (प्रो. अच्युत सामंत की तरह ही) मानव गढा जाता है। प्रो. अच्युत सामंत को आज बधाई देनेवालों में कीट-कीस-कीम्स के कुल लगभग 11हजार स्टाफ,70,000 बच्चे,राजनेता तथा ओडिशा,पूरे भारत तथा विदेशों के लगभग लाखों शुभचिंतक ने उनको बधाई दी है।
अशोक पाण्डेय

    Leave Your Comment

    Your email address will not be published.*

    Forgot Password