कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (कीस), भुवनेश्वर, जो किंडरगार्टन से पोस्ट-ग्रेजुएशन और उससे आगे तक पूरी तरह से मुफ्त आवासीय स्कूल में समग्र शिक्षा, बोर्डिंग, स्वास्थ्य सेवा, व्यावसायिक और खेल सशक्तिकरण प्रदान करता है उसकी सराहना 7 दिसंबर 2023 को लोकसभा में केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान संसद में हुई।स्वयं शिक्षामंत्री माननीय धर्मेंद्र प्रधान ने उन्मुक्त स्वर में की। बीजू जनता दल के सांसद चन्द्रशेखर साहू ने राज्य सरकार की पहल को रेखांकित करते हुए कीस मॉडल का हवाला दिया। बिहार के सारण से सांसद राजीव प्रताप रूडी ने एक बार फिर कीट और कीस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत के काम की सराहना की और आदिवासी बच्चों को सशक्त बनाने में उनके अभूतपूर्व काम के लिए उन्हें बधाई दी। विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कीस के कार्यों का हवाला दिया और इसे एक अग्रणी अवधारणा के रूप में सराहा। अपने उत्तर में, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान धर्मेंद्र प्रधान ने कीस मॉडल की सराहना करते हुए, अन्य संसद सदस्यों द्वारा उद्धृत उदाहरण को सहर्ष स्वीकार किया। इससे पहले भी मध्य प्रदेश के वरिष्ठ सांसद और वर्तमान में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी डॉ. अच्युत सामंत की पहल को पहचाना और खुले दिल से सराहना की है जो समग्र शिक्षा के माध्यम से आदिवासियों को सशक्त बना रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ साथ उन सभी सांसदों के प्रति सांसद अच्युत सामंत ने आभार व्यक्त करते हुए कहा – “मेरा एक छोटा सा प्रयास इतनी बड़ी शैक्षिक क्रांति बन गया है कि अब इसे उद्धृत किया जा रहा है, एक अनुकरणीय के रूप में उद्धृत किया जा रहा है और सभी इसका अनुसरण कर रहे हैं, इसके लिए मैं आभारी हूं।“
जनजातीय बच्चों के लिए कीस मॉडल की संसद में हुई सराहना
