– अशोक पाण्डेय
एक सफल कारोबारी के लिए एक चातक जैसा,एक हंस जैसा,एक तोता जैसा तथा एक क्षीरसागर की मछली जैसे विलक्षण गुणों का होना नितांत आवश्यक है और सच कहा जाय तो युवा उद्योगपति प्रवीण अग्रवाल के विलक्षण व्यक्तित्व में ये सभी विशिष्ट गुण विद्दमान हैं। धीर,वीर और गंभार दिखनेवाले प्रवीण अग्रवाल के चेहरे की मुस्कराहट भी अत्यंत मोहक है। उनके सफलतम उद्योगजगत की प्रेरणा उनकी पत्नी श्रीमती नेहा अग्रवाल हैं जो स्वयं में एक युवा महिला कारोबारी भी हैं।
17अगस्त को एक कुलीन संयुक्त परिवार में जन्मे प्रवीण अग्रवाल हैप्पी बर्थडे है।एवरग्रीन टी,बालाजी नारियल तेल,मधुकुंज अगरबत्ती,मधुकुंज गोल्ड-डैमण्ड तथा स्वच्छ डीजरटेंट फैक्टरी के निर्माता-समूह कंपनी के शीर्ष प्रबंधन पदाधिकारियों में से एक हैं- युवा उद्योगपति प्रवीण अग्रवाल जो मेक ओडिशा,मेक फार ओडिशा एण्ड एबव आल के सच्चे पक्षधर हैं।इसीलिए ओड़िशा प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी भी प्रवीण अग्रवाल को प्रोत्साहित करते हैं। मधुकुंज अगरबत्ती उद्योग समूह के मुखिया श्री सज्जन कुमार अग्रवाल(प्रवीण के पिताश्री),श्री रामावतार अग्रवाल(चाचाश्री) तथा अन्य चाचा और उनके सभी भ्राताश्री प्रवीण के सभी उद्योगों में उनका सहयोग करते हैं।
ओड़िशा जटनी से लेकर भुवनेश्वर और कटक तक प्रवीण अग्रवाल का कारोबार फैला हआ है। एक अनौपचारिक बातचीत में प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि आज का उद्योगजगत एक संक्रमणकाल से गुजर रहा है जिसमें वे बड़े ही धीरज और आत्मविश्वास के साथ के साथ अपने सारे उद्योगों को सतत बढ़ावा दे रहे हैं।
एक समय में ओड़िशा में आई वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमणकाल में प्रवीण अग्रवाल ने अपनी कंपनी की सामाजिक जिम्मेदारी के तहत देवदूत बनकर कोरोना योद्धाओं,कोरोना मरीजों और जरुरतमंदों की बहुत मदद की थी। उन दिनों भुवनेश्वर में लोकडाऊन के दौरान प्रवीण अग्रवाल स्माइल प्लीज कोविद-19 लंच-डीनर फ्री सेवा आरंभ की जो पूरी तरह से सफल रही।यही नहीं,समय-समय पर ओडिशा में आये चक्रावाती तूफान तथा प्राकृतिक आपदाओं के वक्त युवा उद्योगपति प्रवीण अग्रवाल ने ओड़िशा के लाखों लोगों की सहायता की थी।
राजधानी भुवनेश्वर में अनाथ बच्चों,भिखारियों और कैदियों के बच्चों के लिए शेल्टर होम तथा ओडिशा के अनेक नेत्रहीन संघों आदि में भी प्रवीण अग्रवाल अपनी कंपनी की ओर से असाधारण सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराते हैं।गौरतलब है कि प्रवीण अग्रवाल के दादाजी स्व.रामबिलास अग्रवाल तथा उनकी दादीजी स्व.नारायणी देवी पचास के दशक में हरियाणा,शिवानी से जटनी,ओडिशा आये।आज के एकाकी परिवार के युग में प्रवीण अग्रवाल का संयुक्त परिवार दूसरों के लिए आज भी प्रेरणा बना हुआ है।
मधुकुंज अगरबत्ती कंपनी,भुवनेश्वर एक तरफ जहां एमएसएमई द्वारा निर्धारित मानदण्डों पर सफल होकर भारत के 100 उभरते हुए व्यवसायों की सूची में शुमार है वहीं कंपनी जब से अस्तित्व में आई है ,कंपनी को अनेक राज्य स्तरीय तथा राष्ट्रीय स्तरीय अवार्ड तथा सम्मान मिल चुके हैं। प्रवीण अग्रवाल का मानना यह है कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए समस्त कारोबारियों को नौकरीदेनेवाले बनने की आवश्यकता है।
अशोक पाण्डेय
जन्मदिन विशेष आलेखः युवा उद्योगपति प्रवीण अग्रवाल
