आज दिनांक 5 जून 2022, अपराहन 4.30 बजे जवाहर नवोदय विद्यालय कटक में ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाया गया | इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. प्रदीप कुमार नायक, पर्यावरण वैज्ञानिक ओडिशा सरकार, ने अपना योगदान दिया | उनकी उपस्थिति में विद्यालय परिसर में नारियल, नीम, साल एवं जामुन के पौधे लगाए गए | प्राचार्य श्री रामराज सिंह, शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं के द्वारा इस कार्यक्रम को संपादित किया गया | गौरतलब है कि इस वर्ष ओडिशा सरकार के द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालय कटक को ‘प्रकृति-मित्र’ सम्मान से भी सम्मानित किया गया है| इस अवसर पर विद्यालय को एक मानक-पत्र के अतिरिक्त नकद बीस हज़ार रुपए पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में योगदान के लिए प्रदान किए गए | पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. मोना शर्मा, अतिरिक्त मुख्य शासन सचीव, जंगल व परिवेश विभाग ने सभी चयनित संस्था एवं संगठन को पुरस्कृत किया से एवं अपने उद्बोधन में उनके योगदान के लिए उत्साहवर्धन के साथ-साथ भूरी-भूरी प्रशंसा भी की |
यहाँ ये बताना समीचीन प्रतीत होता है कि प्राचार्य श्री रामराज सिंह, जवाहर नवोदय विद्यालय परिसर जो तीस एकड़ में फैला हुआ है उसे एक उद्यान के रूप में परिणत कर दिया है | प्रत्येक वर्ष सैकड़ों पेड़ लगाना एवं उसे बचाना उनकी फ़ितरत है | वस्तुत: ये आश्चर्यचकित करने वाला कार्य ही है कि परिसर की जमीन पर बड़ी-बड़ी चट्टानें तथा एक फिट नीचे पत्थर मौजूद होने के बावजूद उन्होने न सिर्फ सभी पेड़ों को बचाया बल्कि उन्हें फलने-फूलने तक उनकी सेवा भी की | विद्यालय परिसर के प्रवेश-द्वार जैसे ही प्रवेश करते हैं विद्यालय का जीवंत वातावरण इसका बयां करता देता है | विद्यालय परिसर में आजकल विभिन्न प्रकार की चिड़ियाँ अपना घोसला बनाकर चहचहाती रहती हैं ; बंदर और मोर परिसर में विहार करते रहते है | यह तभी संभव हो सकता है जब माली कर्मठ, कर्तव्यनिष्ठ, परिश्रमी, प्रकृति-प्रेमी, परोपकारी एवं पर्यावरण-संरक्षण के प्रति जागरूक हो और उनके सहकर्मी का अथक योगदान हो | ओडिशा सरकार ने इस संस्था को प्रकृति मित्र के रूप में सम्मानित करके एक ऐसे इंसान के भागीरथ-प्रयास को सराहा है जो उसका वास्तविक इसका हकदार है | भविष्य में यह विद्यालय और ही सजग एवं सचेत होकर प्रकृति एवं मिट्टी के लिए कार्य करता रहेगा |