-अशोक पाण्डेय
144 वर्षों के बाद प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ लगा है जो आगामी 26 फरवरी तक चलेगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि देश-विदेश के लगभग 40 करोड़ सनातनी इस महाकुंभ में डुबकी लगाएंगे। मान्यवर,यह स्पष्ट कर दूं कि यह आध्यात्मिक आयोजन आपके शरीर और मन को साफ-सुथरा और पवित्र बनाकर मोक्ष प्रदान करने के लिए होता है। यह सच है कि हमारा शरीर देवों की नगरी है और इस शरीर में निवास हमारा मन ही हमारे मोह -माया के बंधन और मोक्ष का सबसे बड़ा आधार है। हमारे शरीर के आठ चक्र और नौ द्वार हैं। अभिप्राय यह है कि इस शरीर में कुल सात ऋषि ( आंख,कान,नाक, मुंह, त्वचा आदि)यज्ञ करते हैं। इस शरीर रूपी देवों की नगरी और ऋषियों की यज्ञ भूमि का निर्माता हमारा मन है। शरीर और मन को शुद्ध और पवित्र करने के लिए महाकुंभ में अमृत स्नान करते हैं।और ऐसा करके सनातनी अपने मन को जीत लेता है। इसलिए मान्यवर आप भी शरीर की ज्ञानेंद्रियों और कर्मेंद्रियों को वश में करने के लिए अपने मन को नियंत्रित करें!
-अशोक पाण्डेय