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जानिए कि मानवीय आचार संहिता है क्या?

-अशोक पाण्डेय
शब्द है : आचार- संहिता। इसका प्रयोग भारतीय लोकतंत्र में चुनाव के वक्त चुनाव आयोग की ओर से लागू होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि जिस चरित्रवान नागरिक से हमारा चरित्रवान राष्ट्र भारतवर्ष बना है‌ उसके मूल में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम आदर्श और मर्यादा की मानवीय आचार संहिता को आजीवन अपनाया। इसी मानवीय आचार संहिता के बदौलत यह भारतवर्ष राम, कृष्ण, गौतम और गांधी का देश आज भी कहलाता है। इसीलिए यहां के प्रत्येक नागरिक के लिए मानवीय आचार संहिता को अपनाना परम आवश्यक है। इसको अक्षरशः अपनाकर एक तरफ भारतवर्ष का प्रत्येक नागरिक चरित्रवान बनता है और चरित्रवान राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान देता है वहीं 2047 के विकसित भारतवर्ष के निर्माण में अपनी -अपनी अहम् भूमिका भी निभा सकता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि मानवीय आचार संहिता अपने से अपने तन-मन, ज्ञानेंद्रियों और कर्मेंद्रियों पर अपना अनुशासन बनाए रखना है, नियंत्रण रखना है। हमारे ऋषि -मुनियों तथा हमारे सनातनी धर्मगुरुओं ने इस मानवीय आचार संहिता का प्रयोग सबसे पहले किया। इस आचार संहिता में मुख्य रूप से आत्मसंयम, मैत्री भाव, कथनी- करनी में समानता और नीतिगत दिनचर्या आदि है। मानवीय आचार संहिता एक प्रकार से सनातनी अमृत रस है।
-अशोक पाण्डेय

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