-अशोक पाण्डेय
-अशोक पाण्डेय भगवान जगन्नाथ जी अपने चतुर्धा देवविग्रह रुप में प्रकृति के साथ मानव संबंध को बताते हैं क्योंकि उनके चतुर्धा देवविग्रह का रंग प्रकृति से ही मिला है।
भगवान जगन्नाथ हैं नील मेघ के जैसे ।
बलभद्र हैं शंख और चन्द्रमा सदृश्य ।
सुभद्रा जी हैं कुमकुम वर्ण की
और
सुदर्शन जी हैं लाल वर्ण के सदृश्य।
जैसा कि यह सभी जानते हैं कि
भक्त जीवन से बढ़कर कोई आध्यात्मिक सुख नहीं है और आध्यात्मिक आत्मसंतुष्टि से बढ़कर कोई आनंद नहीं है।और ये चतुर्धा देवविग्रह का रंग हमें उनकी भक्ति की ओर स्वत: आकृष्ट करते हैं।
-अशोक पाण्डेय