-अशोक पाण्डेय
——————–
त्रेतायुग के श्रीराम पालक थे। द्वापर के श्रीकृष्ण बालक थे और कलियुग के श्रीजगन्नाथ पालक और बालक दोनों हैं। श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्रीराम को पालक के रूप में प्रतिष्ठित किया है। वही सूरदास के श्रीकृष्ण बालक है। और पंचसखाओं के श्रीजगन्नाथ पालक और बालक दोनों हैं। भगवान श्रीजगन्नाथ के भक्तों का यह मानना है कि उनके जगन्नाथ जगदीश हैं, दीनबंधु हैं, दीनानाथ हैं, पतित पावन हैं, अवतारी हैं, भक्तों के दुख के साथी हैं,वे भक्तों के सखा हैं और एक साधारण मानव की तरह जन्म -मरण और गर्मी- सर्दी का अनुभव करते हैं। फलों में पूर्ण फल नारियल उनको बहुत पसंद है।
आइए तीनों: श्रीराम, श्रीकृष्ण और श्रीजगन्नाथ के नाम का स्मरण श्रद्धा और विश्वास के साथ लें क्योंकि ये तीनों प्रातः स्मरणीय, दर्शनीय और वंदनीय हैं।
-अशोक पाण्डेय