जो व्यक्ति ईर्ष्यालु होता है,दूसरों से द्वेष रखता है,जो डरपोक होता है और दूसरों से दुश्मनी रखता है उसको दूसरों से भी ईर्ष्या, द्वेष,डर और दुश्मनी ही मिलती है।
इसीलिए सच ही कहा गया है : जैसी सोच वैसी करनी और भरनी। हमेशा मन को सकारात्मक सोच की ओर उन्मुख करें!
-अशोक पाण्डेय
