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डा.अन्तर्यामी मिश्रा द्वारा लिखित गीतांजलि का ओडिया अनुवाद तथा यादें नई पुरानी हिन्दी गजल संग्रह लोकार्पित

भुवनेश्वरः12मार्चःअशोक पाण्डेय
स्थानीय जयदेव भवन में 11मार्च को सायंकाल जाने-माने ओडिया लेखक,कवि,टीकाकार तथा फनकार डा.अन्तर्यामी मिश्रा द्वारा लिखित गीतांजलि का ओडिया अनुवाद तथा यादें नई पुरानी हिन्दी गजल संग्रह लोकार्पित हो हुआ। अवसर पर मंचासीन थे प्रोफेसर संतोष त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष, ओडिया, उत्कल विश्वविद्यालय, श्री अशोक पाण्डेय, अवकाशप्राप्त प्राचार्य, केन्द्रीय विद्यालय नं-6,पोखरीपुट,भुवनेश्वर, श्री प्रदोष पटनायक,वरिष्ठ पत्रकार तथा भूतपूर्व सम्पादक ओडिया डेली,श्री दिलीप हाली ओडिया सीने क्रिटीक,श्री परशुराम पण्डा,सीजीएम बैंक आफ इण्डिया,कवि डा अन्तर्यामी मिश्रा, गुरु श्री रामहरि दास ,सीनियर ओडिशी वोकलीस्ट तथा श्रीमती प्रेमलता मिश्रा। गौरतलब है कि यह लोकार्पण समारोह तथा संगीत समारोह डा अन्तर्यामी मिश्रा तथा उनकी पत्नी श्रीमती प्रेमलता मिश्रा के सुखी वैवाहिक जीवन की स्वर्णजयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। लोकार्पण गीतांजलि का ओडिया अनुवाद के समीक्षक प्रोफेसर संतोष त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष, ओडिया, उत्कल विश्वविद्यालय ने बताया कि वैसे तो गीतांजलि का ओडिया अनुवाद बहुत हुआ है लेकिन अनुवादक डा.अन्तर्यामी मिश्रा का यह अनुवाद गीतांजलि की मूल संवेदना की वास्तविक अभिव्यक्ति है जिसके लिए डा मिश्र बधाई के पात्र हैं। यादें नई- पुरानी हिन्दी गजल संग्रह के समीक्षक श्री अशोक पाण्डेय ने अपनी समीक्षा में यह बताया कि एक अहिन्दीभाषी होते हुए भी डा.अन्तर्यामी मिश्रा ने अपने गजल संग्रह में गागर में सागर भर दिया है। वे सचमुच रसेश्वर हैं जिनके पास कमाल की बहुआयामी प्रतिभा है। एक सफल फनकार की संवेदना है। गजल-संग्रह में छठी शताब्दी से चली आ रही गजल परम्परा के सभी आयामों का इसमें ध्यान रखा गया हैं। डा.अन्तर्यामी मिश्रा के सम्मान में तथा उनके वैवाहिक जीवन की स्वर्ण जयंती के अवसर पर आयोजित संगीत समारोह भी यादगार रहा। डा.अन्तर्यामी मिश्रा ने अपने आभारप्रदर्शन में आमंत्रित सभी के प्रति आभार जताया।
अशोक पाण्डेय

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