-अशोक पाण्डेय
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“नारद की बात मानकर जगन्नाथ जी पूर्ण दारु ब्रह्म रूप में अवतार ले लिए, बलभद्र जी और सुभद्रा जी को साथ ले लिए।”(भक्ति- भाव अशोक पाण्डेय का)। भगवान जगन्नाथ जी के बड़े भाई बलभद्र जी महान् शक्तिशाली होने पर भी भद्रता के यथार्थ आदर्श हैं। वे कलियुग में धनबल,जनबल और समस्त ऐश्वर्य बलशालियों को भद्रता का पावन संदेश देते हैं। वहीं जगन्नाथ भगवान की छोटी व लाड़ली बहन सुभद्रा देवी योगमाया, भक्ति, शक्ति और शांति की प्रत्यक्ष रूप में संदेशदात्री देवी हैं। वे भी अपनी सु भद्रता के साथ समस्त भक्तों को अहंकार त्यागकर भद्रता का पावन संदेश देती हैं। मान्यवर,आइए आज हम अहंकार त्याग कर भद्रता को अपनाने का संकल्प लें क्योंकि यह मानव -जीवन हमसबको अपने पूर्व जन्मों के अच्छे कर्मों से मिला है। भगवान पुरुषोत्तम जगन्नाथ जी आपको हमेशा सुख, शांति और समृद्धि अवश्य प्रदान करेंगे!
-अशोक पाण्डेय