अपने आस-पास की सफाई ही आज की सबसे बडी आवश्यकता है। – श्रीमती खेरिया
भुवनेश्वरः5जूनःअशोक पाण्डेय
कहते हैं कि प्रकृति है तो हम हैं। प्रकृति की सुरक्षा और अपने आस-पास की साफ-सफाई ही विश्व पर्यावरण दिवस के महत्त्व को रेखांकित करता है। भुवनेश्वर नयापली,वीआईपी एरिया की रहनेवाली निःस्वार्थ समाजसेविका श्रीमती शारदा खेरिया ने अपने ही निवासस्थल के सामने की जमीन को पूरी तरह से साफ कराकर उसमें वृक्षारोपणकर बडे ही अनोखे अंदाज में विश्व पर्यावरण दिवस,2021 मनाया। उनके सभी स्टाफ ने आयोजन में भरपूर सहयोग दिया। सदा सकारात्मक सोच रखनेवाली तथा आध्यात्मिक जीवन यापन करनेवाली श्रीमती खेरिया ने बताया कि वे मानती हैं कि आज भारत समेत दुनिया के 100 देशों से भी अधिक देश विश्व पर्यावरण दिवस मना रहे है। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर के प्रभाव में सबसे अधिक जरुरी है कि हमसब जहां पर भी रहते हैं उसके आस-पास के परिवेश को सबसे पहले साफ रखा जाय। अपने को साफ-सुथरा रखा जाय। अपने घर के अन्दर साफ-सफाई नियमित रखें । कोरोना का संक्रमण पिछले लगभग दो सालों से प्रत्येक व्यक्ति को आत्मानुशासन में रहकर अपने आस-पास के परिवेश की सफाई तथा निज की सफाई का संदेश दे चुका है। निःस्वार्थ समाजसेविका ने यह भी बताया कि उनके निवासस्थल के सामने काफी गंदगी रहती थी जिसे कोई देखनेवाला नहीं था इसीलिए उन्होंने यह स्व निर्णय लिया कि वे अपने साथ-साथ सभी के हितों का खयाल रखकर अपने निवासस्थल के सामने की खाली जमीन को सबसे पहले साफ करायें और उसमें छायादार पेड के साथ-साथ नीम के पेड तथा तुलसी आदि के पौधे लगाया जाय। इस काम को करने में उनको लगभग एक साल लगे। लेकिन आज वे बेहद खुश हैं कि विश्व पर्यावरण दिवस पर उनका सपना साकार हो गया। नये पेड भी उन्होंने लगाये तथा अपने निवासस्थल के सामने के परिवेश की सफाई भी अच्छी तरह से कर दीं। निःस्वार्थ समाजसेविका श्रीमती शारदा खेरिया ने यह भी बताया कि यह विचार आज के परिपेक्ष्य में उत्तम है- आप सुखी तो जग सुखी और कोरोनाकाल में सभी को सुखी रखने की जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति के अपने हाथ में है इसीलिए आज विश्व पर्यावरण दिवस पर आइए यह संकल्प लें कि हमसब अपनी साफ-सफाई के साथ-साथ अपने आस-पास के पिरवेश की भी सफाई आजीवन रखेंगे।
अशोक पाण्डेय