-अशोक पाण्डेय
——————-
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का आज जन्मदिन है। भारतवर्ष उनके जन्मदिन को बालदिवस के रूप में मनाता है। आज भारत के बच्चों, युवाओं और नागरिकों में सहनशीलता की कमी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। ऐसे में, उन्हें एक रोचक जानकारी आवश्यक है। एक महात्मा जी थे। वे थे तो बड़े ज्ञानी, विद्वान और भजन कीर्तन करने वाले लेकिन उनकी एक खराब आदत थी कि वे बात- बात पर गुस्सा जाते थे। लोग उनके असाधारण ज्ञान के चलते चुप रहते थे। एक दिन जब वे सत्संग समाप्त किए तो सभी ने उनसे यह पूछा कि वे हर समय क्रोध क्यों करते हैं? बात -बात में गाली क्यों देते हैं? महात्मा जी ने समझाया कि उनके सत्संग का उद्देश्य लोगों को सहनशीलता का पाठ पढ़ाना था क्योंकि इस संसार में जो सहनशील बनकर अपने क्रोध पर विजय पा लेगा वही जीवन में सफल हो पाएगा। जो गालियों का जवाब गालियों से देगा वह अपने जीवन में कभी भी सफल नहीं हो सकता है। पण्डित नेहरू भी बड़े सहनशील थे।
-अशोक पाण्डेय
