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बिहार प्रदेश: एक विहगावलोकन-

अशोक पाण्डेय
तीन दिसंबर,2024
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बौद्ध विहारों की अधिकता के चलते बारहवीं शताब्दी में भारत के मानचित्र पर बिहार प्रदेश अस्तित्व में आया। सच कहा जाय तो बिहार, बाबू कुंवर सिंह और भारत रत्न भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी जैसे अनेक विभूतियों का प्रदेश बिहार है। पहली बार अरब मुस्लिम आक्रमणकारियों ने इस प्रदेश को ‘बिहार’ कहकर संबोधित किया। बिहार को 22 मार्च,1912 को एक राज्य के रूप में मान्यता मिली। बिहार की राजधानी पटना है जिसे पाटलिपुत्र, कुसुमपुर, पुष्पपुर एवं अजीमाबाद के नाम से भी जाना जाता है। बिहार का राजकीय फूल गेंदा है, राजकीय पक्षी गोरैया है, राजकीय पशु बैल हैं, राजकीय वृक्ष पीपल है, राजकीय चिह्न बोधि वृक्ष अर्थात् पीपल है। आज बिहार में कुल 6 धर्मों के लोग रहते हैं । बिहार में कुल 214 जातियां निवास करती हैं। इनमें सबसे अधिक आबादी हिन्दू धर्म की है और सबसे कम आबादी जैन धर्म के लोगों की है।2023 की जाति जनगणना के अनुसार बिहार की कुल आबादी के 63 फीसदी लोग अन्य पिछड़े वर्ग के तथा अति पिछड़े वर्ग के लोग हैं। बिहार राज्य की कुल जनसंख्या लगभग 13 करोड़,7 लाख और 25 हजार 310 है। बिहार की सबसे रोचक जानकारी यह है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी , गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह का संबंध बिहार से था। गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 26 दिसंबर,1666 ई में पटना में हुआ था जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी।वे 1676 में सिख धर्म के 10 वें गुरु बने। तख्त श्री हरिमंदिर जी, पटना साहिब आज भी सिख धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है।
-अशोक पाण्डेय

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