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भगवान अलारनाथ मंदिर, ब्रह्मगिरि में दर्शन हेतु अगले 15दिनों तक रहेगा अलौकिक आध्यात्मिक परिवेश

भुवनेश्वरः24जूनःअशोक पाण्डेयः
कोरोना वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के बीच 24जून को श्रीमंदिर सेवायतों के द्वारा भगवान जगन्नाथ की देवस्नानपूर्णिमा पूरे आध्यात्मिक परिवेश में संपन्न हो गई। अपनी मानवीय लीला के तहत महास्नान करने के उपरांत भगवान जगन्नाथ तथा श्रीमंदिर के रत्नवेदी पर अनादिकाल से विराजमान चतुर्धा देवविग्रह अगले 15दिनों के लिए इलाज के लिए बीमारकक्ष में एकांतवास में चले गये जहां पर उनका आर्युर्वेदसम्मत इलाज होगा। श्रीमंदिर का कपाट आगामी 15दिनों के लिए भक्तों के लिए बन्द कर दिया गया। उस दौरान पुरी से लगभग 23किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित भगवान अलारनाथ मंदिर, ब्रह्मगिरि में जगन्नाथ के दर्शन भगवान अलारनाथ के रुप में करने हेतु अगले 15दिनों के लिए आरंभ हो गया ब्रह्मगिरि में आध्यात्मिक परिवेश। ऐसी जानकारी है कि सत्युग में स्वयं ब्रह्माजी आकर वहां पर प्रतिदिन तपस्या किया करते थे। भगवान अलारनाथ मंदिर का निर्माण 09वीं सदी में राजा चतुर्थभानुदेव ने किया था जो स्वयं दक्षिण भारत के वैष्वभक्त थे। दक्षिणभारत में आज भी विष्णुभक्त चतुर्भुज नारायण के रुप में उनकी पूजा करते हैं। ब्रह्मगिरि के भगवान अलारनाथ मंदिर की देवमूर्ति काले पत्थर की बनी है जो साढे पांच फीट की है। 1510 ई. में महाप्रभु चैतन्यजी स्वयं वहां आकर भगवान अलारनाथ के दर्शन किये थे। आज सैलानियों का स्वर्ग भी है ब्रह्मगिरि। मंदिर में भगवान अलारनाथ को खीर का भोग प्रतिदिन लगता है जो काफी स्वादिष्ट होता है। ऐसी मान्यता है कि जिसप्रकार श्रीमंदिरपुरी के महाप्रसाद की जैसी मान्यता है ठीक उसी प्रकार भगवान अलारनाथ के खीर भोग की भी मान्यता है। पिछले कई वर्षों से भगवान अलारनाथ मंदिर, ब्रह्मगिरि की साफ-सफाई आदि का जिम्मा स्वयं ओडिशा सरकार ने ले रखा है । यह भी प्रतिवर्ष देखने को मिलता है कि ओडिशा के बडे-बुजुर्ग जगन्नाथभक्त उन 15दिनों में कम से कम एकबार ब्रह्मगिरि जाकर भगवान अलारनाथ के दर्शन अवश्य करते हैं। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कुप्रभाव को देखकर इस वर्ष ओडिशा सरकार ने दर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। ऐसे में,जिसप्रकार 15मई,2021 को अक्षयतृतीया, 21दिवसीय चंदनयात्रा तथा 24जून को देवस्नानपूर्णिमा पुरी में बिना भक्तों के , सिर्फ सेवायतों के द्वारा संपन्न हुई । दूरदर्शन तथा सभी टेलीविजन चैनलों के सीधे प्रसारण के माध्यम से करोडों जगन्नाथ अपने-अपने घर पर ही उनका अलौकिक आनन्द उठाये ठीक उसी प्रकार से आगामी 12जुलाई,2021 को भगवान जगन्नाथ की विश्वप्रसिद्ध रथयात्रा का भी अलौकिक आनन्द उठाएंगे । रथारुढ महाबाहु के दर्शन मात्र से अपने मानव-जीवन को सार्थक बनाएंगे।
प्रस्तुतिः अशोक पाण्डेय

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