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भगवान जगन्नाथ का जन्मोत्सव 24जून को

प्रतिवर्ष श्री जगन्नाथपुरी के श्रीमंदिर में ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के पवित्र दिवस पर देवस्नान पूर्णिमा अनुष्ठित होती है जिसे भगवान जगन्नाथ का जन्मोत्सव भी कहा जाता है। इस वर्ष 2021 की देवस्नान पूर्णिमा 24जून को है जिससे संबंधित सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। उस दिन भोर में ही श्रीमंदिर के रत्नवेदी पर विराजमान चतुर्धा देवविग्रहों, जगन्नाथ जी, बलभद्रजी, सुभद्राजी और सुदर्शन जी को पहण्डी विजय कराकर सिंहद्वार के समीप अवस्थित देवस्नानमण्डप लाया जाएगा। श्रीमंदिर प्रांगण अवस्थित माता विमला देवी के स्वर्ण कूप से 108 स्वर्ण कलश पवित्र तथा शीतल जल लाकर चतुर्धा देवविग्रहों को महास्नान कराया जाएगा। इस क्रम में 35 स्वर्ण कलश जल से जगन्नाथ जी को,33 स्वर्ण कलश जल से बलभद्रजी को,22 स्वर्ण कलश जल से सुभद्राजी को तथा 18 स्वर्ण कलश जल से सुदर्शन जी को महास्नान कराया जाएगा। उन्हें मल-मलकर नहलाया जाएगा। उसके उपरांत श्री जगन्नाथ जी के प्रथम सेवक पुरी के गजपति महाराजा श्री श्री दिव्यसिंहदेव जी अपने राजमहल श्रीनाहर से पालकी में आकर छेरापंहरा का दायित्व निभाएंगे। महास्नान के उपरांत भगवान जगन्नाथ को उनके एक गाणपत्य भक्त विनायक भट्ट की इच्छानुसार उन्हें गजानन वेष में सुशोभित किया जाएगा। महास्नान करने के चलते देवविग्रह बीमार प़ड जाएंगे और उन्हें एकांत उपचार के लिए उन्हें उनके बीमार कक्ष में 15 दिनों तक रखा जाएगा। उनका आयुर्वेदसम्मत विधि से इलाज प्रतिदिन किया जाएगा। उन 15दिनों तक श्रीमंदिर का कपाट भक्तों के दर्शन के लिए बन्द कर दिया जाएगा। उन 15 दिनों तक जो भी जगन्नाथ भक्त पुरी धाम आएंगे, वे जगन्नाथजी के दर्शन पुरी से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर ब्रह्मगिरि में अवस्थित भगवान अलारनाथ के दर्शन के रुप में करेंगे। ब्रह्मगिरि में भगवान अलारनाथ की काले प्रस्तर की भगवान विष्णु की मूर्ति है जो देखने में बहुत ही सुंदर दिखती है। भगवान अलारनाथ को निवेदित होनेवाली खीर भोग को जगन्नाथ भक्त बडे चाव से भगवान जगन्नाथ के महाप्रसाद के रुप में ग्रहण करते हैं। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर के संक्रमण को ध्यान में रखकर श्रीमंदिर प्रशासन पुरी की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार 2021 की देवस्नानपूर्णिमा में सिर्फ श्रीमंदिर के सेवायतगण ही हिस्सा लेंगे। मिली जानकारी के अनुसार 24जून को पुरी बडदाण्ड पर श्रीमंदिर के सिंहद्वार के पास धाराः144 लागू रहेगी, फिर भी देश-विदेश के करोडों जगन्नाथभक्त अपने-अपने घर से ही दूरदर्शन के सीधे प्रसारण के माध्यम से तथा अन्य टेलीविजन चैनलों के सीधे प्रसारण के माध्यम से भगवान जगन्नाथ का जन्मोत्सव 24जून को देख सकते हैं।
प्रस्तुतिःअशोक पाण्डेय

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