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तीर्थ, क्षेत्र और धाम की त्रिवेणी है पुरुषोत्तम नगरी पुरी । यहीं पर विराजमान हैं भगवान जगन्नाथ अपने चतुर्धा देवविग्रह और विग्रह देव के रूप हैं। स्कन्द पुराण के उत्कल महात्म्य प्रसंग के अन्तर्गत भगवान शिव भगवान जगन्नाथ जी कथा जैमिनी जी को सुनाते हैं। जैमिनी जी स्कन्द जी को सुनाते हैं और स्कन्द जी मंदरांचल पर्वत पर समस्त ऋषि -मुनियों को सुनाते हैं।और मालवा(अवंती) के राजपुरोहित विद्यापति राजा इन्द्रद्युम्न जी को सुनाते हैं। और हमारे समस्त वेद,पूराण, उपनिषद, गीता, रामायण और महाभारत आदि महाप्रभु जगन्नाथ की लौकिक और अलौकिक लीलाओं की जानकारी समस्त सनातनी को सुनाते हैं।
-अशोक पाण्डेय
भगवान जगन्नाथ की कथा सुनाने वाले चार हैं और श्रोता भी चार हैं।-स्कन्द पुराण
